देश के विमानन सेक्टर में पहली बार तकनीकी खामियों की निगरानी का पूरा ढांचा तत्काल प्रभाव से बदल दिया गया है। उड़ानों में लगातार देरी, कैंसिलेशन और हालिया सुरक्षा घटनाओं ने DGCA को डिफेक्ट रिपोर्टिंग सिस्टम को जड़ से सख्त करने के लिए मजबूर किया है। 12 पेज के नए आदेश के मुताबिक अब किसी भी निर्धारित उड़ान में तकनीकी कारण से 15 मिनट या उससे ज्यादा की देरी होती है तो उसकी जांच अनिवार्य होगी। कंपनी को बताना होगा कि देरी क्यों हुई? उसे कैसे ठीक किया गया? दोबारा न होने के लिए क्या उपाय किए? ये ऐसे प्रावधान हैं, जो पहले लागू नहीं थे। कंपनी को किसी भी ‘मेजर डिफेक्ट’ की तुरंत सूचना डीजीसीए को फोन पर देनी होगी। 72 घंटे में विस्तृत रिपोर्ट भेजनी होगी। डिफेक्ट तीन बार दोहराए जाने पर उसे ‘रिपीटेटिव डिफेक्ट’ माना जाएगा और उस पर अलग से विशेष जांच शुरू होगी। डीजीसीए ने यह सख्ती इसलिए की क्योंकि अब तक डिफेक्ट रिपोर्टिंग व्यवस्था कमजोर थी। अभी तक 15 मिनट की देरी की जांच जैसी बाध्यकारी व्यवस्था नहीं थी और रिपीट डिफेक्ट की परिभाषा भी अनुपस्थित थी। नए प्रावधान में क्या है, 4 पॉइंट में जानें किन खामियों को अब अनिवार्य रूप से ‘मेजर डिफेक्ट’ माना जाएगा
इंडिगो संकट सामने आने के बाद नियम सख्त बने
डीजीसीए की तरफ से नए प्रावधान इंडिगो संकट के सामने आने के बाद आए हैं। दरअसल इंडिगो में क्रू मेंबर्स की कर्मी के चलते पिछले 8 दिनों में 5000 से ज्यादा फ्लाइट कैंसिल हुईं थी। संकट के 9 दिन बाद बुधवार को इंडिगो चेयरमैन विक्रम सिंह मेहता सामने आए। उन्होंने वीडियो संदेश जारी कर यात्रियों से माफी मांगी। उन्होंने कहा कि हम हर पहलू की जांच करेंगे। इसमें बाहरी तकनीकी विशेषज्ञ भी रहेंगे, जो गड़बड़ी की असली वजह पता करेंगे। 11 एयरपोर्ट पर इंडिगो के ऑपरेशन का ऑन-साइट इंस्पेक्शन भी होगा DGCA ने बताया कि 2-3 दिन में सीनियर अधिकारी अगले दो-तीन दिनों में 11 घरेलू एयरपोर्ट पर ऑन-साइट इंस्पेक्शन करेंगे। अधिकारी इंडिगो के ऑपरेशन के अलग-अलग पहलुओं की जांच करेंगे। इन 11 एयरपोर्ट में नागपुर, जयपुर, भोपाल, सूरत, तिरुपति, विजयवाड़ा, शिरडी, कोचीन, लखनऊ, अमृतसर और देहरादून शामिल हैं। ये अधिकारियों दौरे के 24 घंटे के अंदर नई दिल्ली में डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन में फ्लाइट सेफ्टी डिपार्टमेंट के ऑपरेशंस डायरेक्टर को रिपोर्ट देंगे। सरकारी बोली- DGCA की भी जांच होगी इंडिगो संकट को लेकर अब DGCA (नागरिक उड्डयन नियामक) भी केंद्र सरकार की जांच के रडार पर है। नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने एक इंटरव्यू में कहा कि इंडिगो की गड़बड़ी पर सिर्फ एयरलाइन ही नहीं, बल्कि DGCA के कामकाज की भी जांच होगी। मंत्री ने यात्रियों को हुई परेशानी के लिए माफी मांगी और कहा कि जिम्मेदार लोगों पर कड़ी और उचित कार्रवाई की जाएगी। मंत्री ने कहा कि इंडिगो का यह बड़ा फेलियर सामान्य गलती नहीं लगता, बल्कि इसमें जानबूझकर हुई लापरवाही के संकेत मिल रहे हैं। उन्होंने बताया कि सरकार यह जांच कर रही है कि आखिर ऐसा संकट उसी समय क्यों आया और ऑपरेशंस होने के बावजूद हालात कैसे बिगड़े। CEO को हटाने के सवाल पर नायडू ने कहा कि जरूरत पड़ी तो जरूर हटाया जाएगा। जो भी कानूनी कार्रवाई बनती है, वह जरूर होगी। नायडू ने ये भी बताया कि मैं पिछले 7 दिनों से लगातार मीटिंग कर रहा हूं और मुश्किल से सो पाया हूं, क्योंकि फोकस सिर्फ यात्रियों की परेशानी दूर करने पर है। सरकार ने इंडिगो की उड़ानें 10% घटाईं इसी बीच, सरकार ने इंडिगो पर एक्शन लेते हुए उसकी 10% फ्लाइट्स घटाने का आदेश दिया है। यह कटौती हाई-डिमांड और हाई-फ्रीक्वेंसी वाले रूट्स पर होगी। इससे रोजाना चलने वाली 2300 में से करीब 230 फ्लाइट्स कम हो जाएंगी। DGCA ने इंडिगो को बुधवार शाम 5 बजे तक नया शेड्यूल जमा करने का निर्देश दिया है। मंगलवार को कंपनी की 422 से ज्यादा उड़ानें रद्द हुईं। पिछले 8 दिनों में देशभर में करीब 5,000 फ्लाइट्स कैंसिल हो चुकी हैं। इस मामले में आज दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई भी होगी। पूरी खबर पढ़ें… DGCA के वे नए नियम, जिससे इंडिगो में स्टाफ की कमी हुई ———————————- ये खबर भी पढ़ें… इंडिगो संकट- एयरलाइन ने अबतक ₹610 करोड़ रिफंड किए:देशभर में यात्रियों को 3 हजार बैगेज भी लौटाए इंडिगो ऑपरेशन संकट के बीच रविवार शाम तक एयरलाइन ने यात्रियों को ₹610 करोड़ का रिफंड कर दिया है। इसके साथ ही कंपनी ने देशभर में यात्रियों के 3 हजार से ज्यादा बैगेज भी लौटाए हैं। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने रविवार शाम इसकी जानकारी दी। पूरी खबर पढ़ें…
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