श्रीगंगानगर से गिरफ्तार पाकिस्तानी जासूस प्रकाश सिंह उर्फ बादल (34) कोई सामान्य जासूस नहीं था। वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI का एक्टिव और ट्रेंड एजेंट था। ISI की ओर से उसे टेलीग्राम और वॉट्सऐप के जरिए ट्रेनिंग दी गई थी। बताया गया कि उसे कब क्या करना है। साइंस का स्टूडेंट रहा प्रकाश डी-फार्मा (फार्मासिस्ट) कर चुका है। जांच में सामने आया कि पाकिस्तान से बॉर्डर पर ड्रोन से आने वाली ड्रग तस्करी का सबसे बड़ा सरगना भी प्रकाश सिंह ही था। पाकिस्तानी हैंडलर से ड्रग लेकर तस्करों तक पहुंचाना और उसे सप्लाई करने तक का काम वह खुद ही करता था। बॉर्डर एरिया के चप्पे-चप्पे से वाकिफ प्रकाश खुद को मार्बल का मिस्त्री बताता था। शातिर तरीके से पाकिस्तान को सेना से जुड़े फोटो-वीडियो शेयर कर रहा था। इधर, मंगलवार को सीआईडी इंटेलिजेंस ने प्रकाश को जयपुर कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने प्रकाश को 11 दिसंबर तक पीसी रिमांड पर भेज दिया है। पढ़िए कैसे फार्मासिस्ट बना पाकिस्तानी जासूस… ऑपरेशन सिंदूर के बाद बदली रणनीति
जानकारों के अनुसार, अप्रैल 2025 में पहलगाम आतंकी हमले के बाद मई में हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से बौखलाई ISI ने अपनी रणनीति पूरी तरह बदल दी है। पहले वह केवल ड्रग्स, हथियार और जाली नोट तस्करों को संरक्षण देती थी, लेकिन अब इन स्मगलरों के पूरे नेटवर्क को अपने सीधे नियंत्रण में लेकर उन्हें बिना किसी अतिरिक्त ट्रेनिंग के जासूस बना रही है। फिरोजपुर (पंजाब) निवासी प्रकाश सिंह इसी का हिस्सा था। जासूसी करने से पहले प्रकाश सिंह पाकिस्तान से आने वाली ड्रग को देश के अलग-अलग राज्यों में सप्लाई करता था। ISI के जरिए ये ड्रग राजस्थान से जुड़े बॉर्डर पर ड्रोन से गिराई जाने लगी। प्रकाश सिंह ड्रग तस्करी के इस मॉडल का मुख्य सरगना था। 13 साल से जुड़ा है ड्रग तस्करी से, डेढ़ साल पंजाब जेल में रहा
आरोपी ने 12वीं तक पढ़ाई की है और डी-फार्मा कोर्स भी किया है। कंप्यूटर हार्डवेयर-सॉफ्टवेयर की भी अच्छी जानकारी रखता है। जांच में सामने आया कि प्रकाश सिंह पिछले 13 साल से इंटरनेशनल ड्रग तस्करी के बड़े नेटवर्क का हिस्सा रहा है। साल 2012-13 में वह हेराेइन के साथ पकड़ा गया। इसके बाद वह सितंबर 2014 तक पंजाब की जेल में रहा। इस दौरान वह अमृतसर के बड़े ड्रग स्मगलरों के लिए मीडिएटर का काम करता था। जेल से बाहर आते ही पाकिस्तानी ड्रग तस्करों के कॉन्टैक्ट में आया
जेल में रहने के दाैरान कुछ दूसरे ड्रग तस्करों से उसका कॉन्टैक्ट हुआ। जेल से बाहर आते ही उसने पाकिस्तानी ड्रग तस्करों से कॉन्टैक्ट बनाए। इसके बाद वह साल 2015 के बाद से बॉर्डर पर पाकिस्तान से हेरोइन मंगवाने लगा। वह ISI के जरिए आने वाली हेरोइन को बॉर्डर पर भेजने की लोकेशन बताता था। यानी बॉर्डर पर कहां पर किस जगह ड्रग के पैकेट गिराने हैं, ये सारे काम प्रकाश सिंह करता था। इसके बाद वह ड्रग तस्करों तक पहुंचाता था। जांच में सामने आया कि पाकिस्तान से आने वाली ड्रग को उसने राजस्थान के अलावा पंजाब और गुजरात में सप्लाई किया। ये भी सामने आया कि पिछले कुछ सालों में बॉर्डर पर ड्रोन के जरिए आई ड्रग में भी प्रकाश सिंह की बड़ी भूमिका आ रही है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद जासूस को दी गई ट्रेनिंग
सूत्रों के अनुसार ऑपरेशन सिंदूर के बाद ISI ने तस्कर प्रकाश से जासूसी करवाना शुरू किया। इसके लिए पहले उसे टेलीग्राम और वॉट्सऐप पर ट्रेनिंग दी गई। सोशल मीडिया के जरिए वह आईएसआई के कॉन्टैक्ट में था। उसे बताया जाता था कि उसे अब कौनसा टास्क करना है। इस दौरान सेना से जुड़ी जानकारी वह पाकिस्तान भेजने लगा। वह राजस्थान के बॉर्डर इलाकों में अपने आप को मार्बल का मिस्त्री बताता था। जांच में सामने आया कि प्रकाश ने राजस्थान के अलावा पंजाब और गुजरात से भारतीय सेना से जुड़ी जानकारी और गोपनीय सूचना पाकिस्तानी हैंडलर्स को भेजी थी। इसके बदले में उसे मोटी रकम दी जा रही थी। दूसरों से OTP लेकर वॉट्सऐप अकाउंट बनाता था
CID इंटेलिजेंस के IG प्रफुल्ल कुमार ने बताया- प्रकाश दूसरों के मोबाइल नंबर का OTP लेकर उनके नाम से वॉट्सऐप अकाउंट बनाता था। उन अकाउंट्स से पाकिस्तानी हैंडलर जासूसी और अन्य राष्ट्रविरोधी गतिविधियां चलाते थे। इसके बदले उसे मोटी रकम भी मिल रही थी। पाकिस्तानी नंबरों से चैटिंग मिली
प्रफुल्ल कुमार ने बताया- 27 नवंबर को श्रीगंगानगर के साधुवाली सैन्य क्षेत्र के पास संदिग्ध गतिविधि की सूचना मिली थी। बॉर्डर इंटेलिजेंस टीम ने उसे दबोच लिया। मोबाइल चेक किया तो कई पाकिस्तानी नंबरों से चैटिंग मिली। फिर जॉइंट इंटेरोगेशन सेंटर श्रीगंगानगर और बाद में जयपुर ले जाकर सभी खुफिया एजेंसियों ने गहन पूछताछ की। डिजिटल डेटा से सारी बातें साबित हो गईं। आखिरकार 1 दिसंबर को स्पेशल पुलिस स्टेशन जयपुर में ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट 1923 के तहत मुकदमा दर्ज कर प्रकाश सिंह को औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया गया। फिलहाल पूछताछ जारी है और यह पता लगाया जा रहा है कि इसके नेटवर्क में राजस्थान-पंजाब में और कितने लोग शामिल हैं। राजस्थान के बॉर्डर से सटे इलाकों में जासूसी, जैसलमेर में अब तक पकड़े गए 24 जासूस पाकिस्तान जासूसों से क्या डिमांड करता है? एक्सपर्ट के अनुसार युद्ध के समय हर छोटी से छोटी जानकारी दुश्मन देश के लिए महत्वपूर्ण होती है। जासूस सीमावर्ती क्षेत्रों में हर तरह की जानकारी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के एजेंटों को शेयर करते हैं। ……………… ये खबर भी पढ़ें…
श्रीगंगानगर में पकड़ा गया पाकिस्तानी जासूस:ऑपरेशन सिंदूर से ISI के संपर्क में था; वॉट्सऐप पर भेज रहा था सेना से जुड़ी सूचनाएं राजस्थान पुलिस की CID इंटेलिजेंस विंग ने बड़ी कामयाबी हासिल की है। सीआईडी ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी (ISI) के लिए जासूसी करने वाले पंजाब के युवक को श्रीगंगानगर से गिरफ्तार किया है। (यहां पढ़ें पूरी खबर)
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