DniNews.Live

Fast. Fresh. Sharp. Relevant News

फाइलेरिया कार्यक्रम पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित:रोकथाम और उपचार पर जोर, 10 फरवरी से दवा वितरण होगा

पूर्णिया जिले में बुधवार को फाइलेरिया कार्यक्रम पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें जिले के सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक, एनवीबीडीसीपी कर्मी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी (आईसीडीएस), जीविका प्रबंधक, जिला एनसीसी कैडर पदाधिकारी और पिरामल स्वास्थ्य के सदस्यों ने भाग लिया। कार्यशाला में फाइलेरिया रोग से संबंधित विषयों पर विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। फाइलेरिया (Filariasis) एक परजीवी जनित रोग है, जो क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फैलता है। फाइलेरिया के लक्षण परजीवी के प्रकार पर निर्भर करते हैं। सामान्य लक्षणों में त्वचा में जलन, बुखार, थकान और शरीर के विभिन्न भागों में सूजन शामिल हैं। ये लक्षण व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकते हैं और उचित निदान तथा उपचार के लिए चिकित्सा सहायता की आवश्यकता होती है। यह रोग मुख्य रूप से लसीका प्रणाली को प्रभावित करता है, जिससे लिम्फ नोड्स और वाहिकाओं में सूजन आ जाती है। इससे दीर्घकालिक विकलांगता हो सकती है और प्रभावित व्यक्तियों के समग्र स्वास्थ्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है। फाइलेरिया से बचाव के लिए वर्ष में एक बार डीईसी, आइवरमेक्टिन और अल्बेंडाजोल की गोली उम्र के अनुसार दी जाती है। दिनांक 10 फरवरी 2026 से जिले के सभी घरों में आशा कार्यकर्ताओं की तरफ से फाइलेरिया से बचाव के लिए दवा खिलाई जाएगी। भारत सरकार ने फाइलेरिया उन्मूलन का लक्ष्य वर्ष 2030 तक निर्धारित किया है।


https://ift.tt/U4twkbF

🔗 Source:

Visit Original Article

📰 Curated by:

DNI News Live

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *