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फरार सिपाहियों पर 25-25 हजार का इनाम घोषित:ऊंजी पेट्रोल पंप पर की थी युवक की पिटाई, विपक्ष का दबाव बढ़ा

सिद्धार्थनगर। ऊंजी पेट्रोल पंप पर युवक रजनीश पटेल की पिटाई का मामला पूरे जिले में पुलिस महकमे से लेकर राजनीतिक हलकों तक चर्चा का विषय बन गया है। चारों आरोपी सिपाही अब तक फरार हैं। इसी बीच पुलिस अधीक्षक डॉ. अभिषेक महाजन ने उन पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया है। गिरफ्तारी के लिए सात विशेष टीमें गठित की गई हैं, जो लगातार दबिश दे रही हैं।वहीं, समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बसपा समेत विपक्षी दल पीड़ित परिवार के समर्थन में खुलकर सामने आ गए हैं। सभी ने चेतावनी दी है कि अगर दोषी सिपाहियों की जल्द गिरफ्तारी नहीं हुई तो सड़क से सदन तक आंदोलन होगा। 22 अक्टूबर की रात मोहाना थाना क्षेत्र के ऊंजी पेट्रोल पंप पर घटना हुई थी। कपिलवस्तु नगर पंचायत के वार्ड नंबर-4, गांधी नगर निवासी रजनीश पटेल अपने साथियों के साथ लक्ष्मी प्रतिमा विसर्जन के लिए जा रहे थे। बर्डपुर के पास उन्होंने ट्रैक्टर रोककर पूजा समिति के अन्य सदस्यों का इंतजार किया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, इसी दौरान मोहाना थाने के चार सिपाही मनोज यादव, अभिषेक गुप्ता, राजन सिंह और मंजीत सिंह वहां पहुंचे और ट्रैक्टर आगे बढ़ाने को कहा। रजनीश ने बताया कि बाकी सदस्य पीछे हैं और उनके आने के बाद ही आगे बढ़ेंगे। इस बात पर बहस शुरू हो गई। आरोप है कि सिपाहियों ने रजनीश को जबरन बाइक पर बैठाया और अपने साथ ले गए। कुछ देर बाद वह ऊंजी पेट्रोल पंप के पास गंभीर रूप से घायल अवस्था में पड़े मिले। स्थानीय लोगों ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया। हालत गंभीर होने पर उन्हें लखनऊ के केजीएमयू मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। मुकदमा दर्ज, लेकिन आरोपी अब तक फरार रजनीश के भाई अवनीश पटेल ने चारों सिपाहियों के खिलाफ मारपीट का आरोप लगाते हुए 26 अक्टूबर को मोहाना थाने में एफआईआर दर्ज कराई। पुलिस ने 24 अक्टूबर को ही चारों सिपाहियों को निलंबित कर दिया था, लेकिन अब तक उनकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।लोगों में नाराजगी है कि इतने दिन बीत जाने के बाद भी आरोपी फरार हैं। जिलेभर में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। एसपी ने बढ़ाई सख्ती — सात टीमें गठित घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए एसपी डॉ. अभिषेक महाजन ने खुद मामले की मॉनिटरिंग शुरू कर दी है। उन्होंने दो क्षेत्राधिकारियों (सीओ) के नेतृत्व में सात विशेष टीमें बनाई हैं। हर टीम में दो-दो निरीक्षक और दरोगा शामिल हैं। सर्विलांस टीम को आरोपितों की लोकेशन ट्रेस करने की जिम्मेदारी दी गई है। एसपी ने बताया कि पुलिस टीमें सिद्धार्थनगर के अलावा बस्ती, बलरामपुर, गोंडा, गोरखपुर और लखनऊ में भी दबिश दे रही हैं।उन्होंने कहा, “चारों आरोपित सिपाहियों पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया है। गिरफ्तारी में किसी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जल्द ही आरोपी पुलिस की गिरफ्त में होंगे।” विपक्ष का रजनीश परिवार को समर्थन मामले ने अब राजनीतिक रंग भी ले लिया है। समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बसपा ने इसे राज्य की कानून व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न बताया है। मंगलवार को सपा जिलाध्यक्ष लालजी यादव, प्रदेश सचिव बिभा शुक्ला और नेता अमर चौधरी ने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर कहा, “यह घटना शर्मनाक है और पुलिस की अमानवीयता उजागर करती है। अगर जल्द गिरफ्तारी नहीं हुई तो सपा सड़क पर उतरेगी।” बुधवार को कांग्रेस के पूर्व विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह उर्फ पप्पू चौधरी ने रजनीश के घर जाकर परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ एक युवक की पिटाई का मामला नहीं, बल्कि पुलिस की जवाबदेही और जनता की सुरक्षा से जुड़ा सवाल है।”बसपा नेताओं ने भी कहा कि “जब जनता की रक्षक पुलिस ही अत्याचार करने लगे तो यह लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी है।” जनता में आक्रोश, पुलिस की साख पर संकट जिलेभर में आक्रोश का माहौल है। सोशल मीडिया पर लोग लगातार #रजनीश_को_न्याय_दो अभियान चला रहे हैं। लोगों का कहना है कि पुलिस अपने दोषी साथियों को बचाने की कोशिश कर रही है, वरना अब तक गिरफ्तारी हो चुकी होती। पुलिस विभाग ने इस आरोप को खारिज किया है। एसपी ने कहा, “यह मामला पुलिस की साख से जुड़ा है। किसी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा।” नेपाल सीमा तक दबिश, गृह विभाग की निगरानी में जांच यह घटना पुलिस की छवि पर गहरी चोट छोड़ गई है। सूत्रों के मुताबिक, मामले की रिपोर्ट प्रदेश स्तर पर भेज दी गई है और जांच गृह विभाग की निगरानी में चल रही है।अब तक पुलिस ने 50 से अधिक संभावित ठिकानों पर दबिश दी है। नेपाल सीमा पास होने के कारण यह आशंका जताई जा रही है कि आरोपी सीमा पार छिपे हो सकते हैं। एसपी डॉ. महाजन ने कहा- कानून से ऊपर कोई नहीं है, चाहे वह पुलिसकर्मी ही क्यों न हो। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस की साख बचाने के लिए हर संभव कदम उठाया जा रहा है। परिवार की व्यथा और उम्मीद रजनीश का परिवार सदमे में है। माता-पिता और भाई लखनऊ के केजीएमसी अस्पताल में दिन-रात उनके साथ हैं। उनका कहना है कि रजनीश निर्दोष था, बस अपने साथियों का इंतजार कर रहा था। परिजनों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हस्तक्षेप कर दोषियों को सख्त सजा देने की मांग की है। विपक्षी दलों ने भी भरोसा दिलाया है कि वे इस लड़ाई में परिवार के साथ हैं और न्याय मिलने तक संघर्ष जारी रहेगा। प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती यह मामला अब जिले के प्रशासन और पुलिस दोनों के लिए परीक्षा की घड़ी बन गया है। एक ओर घायल रजनीश की हालत गंभीर है, वहीं दूसरी ओर आरोपी सिपाही अब तक फरार हैं।एसपी ने कहा, “यह सिर्फ अपराध नहीं, बल्कि पुलिस की साख और जनता के भरोसे का सवाल है।” सूत्रों के अनुसार, सातों टीमें लगातार दबिश दे रही हैं और विभागीय जांच भी जारी है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। जनता की निगाहें पुलिस पर अब पूरा जिला पुलिस प्रशासन की ओर देख रहा है। सवाल यही है कि क्या पुलिस अपने ही दोषी सिपाहियों को कानून के हवाले कर पाएगी?लोग कह रहे हैं, “अब वक्त है कि पुलिस अपने कर्मों से जनता का भरोसा वापस जीते।” फिलहाल, रजनीश की हालत गंभीर बनी हुई है। पूरा जिला उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना कर रहा है। पुलिस की कार्रवाई जारी है, जबकि विपक्ष लगातार इस मुद्दे को उठाकर सरकार पर दबाव बढ़ा रहा है।


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