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प्रमोशन-ट्रांसफर की मांग को लेकर डीईओ कार्यालय घेरा:मधुबनी में नियोजित शिक्षकों का प्रदर्शन, कहा-हमारी मांगे पूरी करें

मधुबनी में सैकड़ों नियोजित शिक्षकों ने मंगलवार को जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया। बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के राज्यव्यापी आह्वान पर हुए इस प्रदर्शन में शिक्षकों ने प्रोन्नति और ऐच्छिक स्थानांतरण सहित विभिन्न मांगों को उठाया। प्रदर्शन का नेतृत्व प्रधान सचिव अवधेश कुमार झा ने किया। विभाग के दोहरे रवैये से परेशान, कई लाभों से वंचित शिक्षकों ने आरोप लगाया कि वे विभाग के दोहरे रवैये के कारण समस्याओं से जूझ रहे हैं। 20-22 वर्षों से सेवा दे रहे नियोजित शिक्षक प्रोन्नति और ऐच्छिक स्थानांतरण के लाभ से वंचित हैं। वरीय उपाध्यक्ष लीलाधर पासवान और प्रवक्ता राकेश कुमार चौधरी ने बताया कि नियमावली 2006 (संशोधित 2012 और 2020) की कंडिका 15 में प्रोन्नति का प्रावधान है। 5 वर्ष पर प्रधानाध्यापक के पद पर मिलनी चाहिए प्रोन्नति नियमावली के अनुसार, बेसिक ग्रेड शिक्षक को 12 वर्ष पर स्नातक ग्रेड में, स्नातक योग्यताधारी बेसिक ग्रेड शिक्षक को 8 वर्ष पर स्नातक ग्रेड में, और स्नातक ग्रेड शिक्षक को 5 वर्ष पर मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक के पद पर प्रोन्नति मिलनी चाहिए। हालांकि, मधुबनी जिले के नियोजित शिक्षक इन प्रोन्नतियों से वंचित हैं। पुरुष शिक्षकों के लिए पारस्परिक स्थानांतरण का भी प्रावधान जिला मो नूर आलम और सुरेन्द्र कुमार यादव ने कंडिका 16 का हवाला देते हुए कहा कि दिव्यांग शिक्षकों और महिला शिक्षिकाओं को अंतर नियोजन इकाई और अंतर जिला सहित ऐच्छिक स्थानांतरण का प्रावधान है। पुरुष शिक्षकों के लिए पारस्परिक स्थानांतरण का भी प्रावधान है। इसके बावजूद, नियोजित शिक्षकों को पदोन्नति, वित्तीय लाभ, स्थानांतरण और अन्य सुविधाओं से वंचित रखा गया है। उन्होंने इसे शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा सरकारी अधिसूचना का खुला उल्लंघन बताया। जिला सचिव ललित नारायण ललन और खालिद अंजुम ने मांग की कि नियोजित शिक्षकों की सभी प्रकार की प्रोन्नति और ऐच्छिक व पारस्परिक स्थानांतरण की प्रक्रिया तुरंत लागू की जाए। जिला उपाध्यक्ष सतीश चन्द्र प्रसाद और प्रभाष चौधरी ने वेतन संबंधी समस्या उठाई। आवंटन होने के बावजूद शिक्षकों को समय पर वेतन नहीं मिलता उन्होंने कहा कि आवंटन होने के बावजूद शिक्षकों को समय पर वेतन नहीं मिलता, जो विभागीय अधिकारियों की मनमानी है। जिला सचिव प्रेमचंद प्रसाद और मो मुर्तजा ने महंगाई भत्ता के बकाया अंतर वेतन के भुगतान की भी मांग की।


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