सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस बीआर गवई पर जूता फेंकने वाले बरेली के वकील राकेश किशोर पर मंगलवार को हमला हुआ है। उनकी एक वकील ने चप्पल से पिटाई कर दी। इस घटना का वीडियो सामने आया है, जिसमें 71 साल के राकेश किशोर खुद को बचाते दिख रहे हैं। वे ‘सनातन धर्म की जय’ का नारा भी लगा रहे थे। राकेश किशोर पर ये हमला दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट में हुआ। हालांकि ये हमला किसने और क्यों किया, इसका खुलासा अभी नहीं हुआ है। वीडियो में क्या दिखा?
सोशल मीडिया पर 21 सेकेंड का वीडियो आया है। जिसमें राकेश किशोर हमला करने वाले व्यक्ति से बचते और सवाल करते दिख रहे हैं। उन्होंने पूछा- “तू कौन है, मुझे क्यों मार रहा है।” इसके बाद राकेश किशोर नारा लगाते दिख रहे हैं, “सनातन धर्म की जय हो।” आसपास के वकीलों ने राकेश किशोर को बचाया और हमलावर को दूर किया। इस पूरे मामले को लेकर राकेश किशोर ने अभी तक पुलिस में किसी तरह की शिकायत नहीं दी। भास्कर पोल में हिस्सा लेकर अपनी राय दे सकते हैं… जताई थी हमले की आशंका
पूर्व CJI पर हमले के बाद वकील राकेश किशोर ने हमले की आशंका जताई थी। उन्होंने दावा किया था कि मेरी जान को खतरा है, लेकिन ईश्वर मेरे साथ हैं, इसलिए मुझे कुछ नहीं होगा। उन्होंने यह भी कहा था कि पुलिस मेरे घर पर तैनात थी। उन्होंने प्रदर्शन कर रहे लोगों को हटाया, मुझे यह देखकर अच्छा लगा कि पुलिस मेरी सुरक्षा कर रही है। अभी भी मेरी जान को खतरा बना हुआ है। मैं सुरक्षा के बारे में ज्यादा नहीं बोल सकता हूं। जूता फेंकने के मामले में पूर्व सीजेआई ने राकेश किशोर को माफ कर दिया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना की कार्रवाई करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा था कि CJI ने उदारता दिखाते हुए राकेश किशोर को माफ कर दिया है, इसलिए इस मामले को समाप्त माना जाएगा। 6 अक्टूबर को फेंका था CJI पर जूता सुप्रीम कोर्ट में 6 अक्टूबर को वकील राकेश किशोर कुमार ने CJI बीआर गवई की तरफ जूता फेंका था। यह घटना उस समय हुई, जब सीजेआई की बेंच एक मामले की सुनवाई कर रही थी। हालांकि जूता उनकी बेंच तक नहीं पहुंच सका। सुरक्षाकर्मियों ने फौरन राकेश को पकड़ लिया। बाहर जाते वक्त उन्होंने नारा लगाया- सनातन का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान। घटना के बाद CJI ने अदालत में मौजूद वकीलों से अपनी दलीलें जारी रखने को कहा। उन्होंने कहा कि इस सबसे परेशान न हों। मैं भी परेशान नहीं हूं, इन चीजों से मुझे फर्क नहीं पड़ता। पीएम नरेंद्र मोदी ने CJI गवई जी से बात कर उन पर हुए हमले की निंदा की। मोदी ने X पर लिखा- CJI पर हुए हमले से हर भारतीय गुस्से में है। हमारे समाज में ऐसे निंदनीय कृत्यों के लिए जगह नहीं है। यह अत्यंत निंदनीय है। ऐसी स्थिति में चीफ जस्टिस गवई ने जो धैर्य दिखाया, मैं सराहना करता हूं। इससे पता चलता है कि वे न्याय और संविधान के मूल सिद्धांतों को मजबूत करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। 2 स्केच से समझिए घटना… वकील का लाइसेंस रद्द, BCI ने निलंबित किया
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) ने आरोपी वकील राकेश किशोर कुमार का लाइसेंस रद्द कर दिया था। उनका रजिस्ट्रेशन 2011 का है। इसके साथ ही बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने भी उन्हें निलंबित कर दिया था। बीसीआई चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा ने ये आदेश जारी किया। उन्होंने कहा कि यह वकीलों के आचरण नियमों का उल्लंघन है। निलंबन के दौरान किशोर कहीं भी प्रैक्टिस नहीं कर सकेंगे। 16 सितंबर को CJI ने कहा था- जाओ, भगवान से खुद करने को कहो
वकील डॉ. राकेश किशोर कुमार CJI गवई की मध्य प्रदेश के खजुराहो में भगवान विष्णु की 7 फुट ऊंची सिर कटी मूर्ति की पुनर्स्थापना पर की गई टिप्पणियों से नाराज थे। CJI ने 16 सितंबर को खंडित मूर्ति की बहाली की मांग वाली याचिका खारिज करते हुए कहा था- जाओ और भगवान से खुद करने को कहो। तुम कहते हो भगवान विष्णु के कट्टर भक्त हो, जाओ उनसे प्रार्थना करो। जानिए, क्या है भगवान विष्णु की मूर्ति से जुड़ा मामला
16 सितंबर को मध्य प्रदेश के खजुराहो के जवारी (वामन) मंदिर में भगवान विष्णु की 7 फीट ऊंची खंडित मूर्ति की बहाली की मांग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की थी। याचिकाकर्ता राकेश दलाल ने इस फैसले पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा था कि ये हमारी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला फैसला है। कोर्ट ने कहा है कि प्रतिमा जिस स्थिति में है, उसी में रहेगी। भक्तों को पूजा करनी है तो वे दूसरे मंदिर जा सकते हैं। दरअसल, याचिकाकर्ता का दावा है कि यह मूर्ति मुगलों के आक्रमणों के दौरान खंडित हो गई थी, तब से यह इसी हालत में है। इसलिए श्रद्धालुओं के पूजा करने के अधिकार की रक्षा करने और मंदिर की पवित्रता को पुनर्जीवित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट हस्तक्षेप करे। 18 सितंबर: टिप्पणी का विरोध होने पर CJI ने सफाई दी
भगवान विष्णु की मूर्ति बदलने को लेकर दी टिप्पणी पर चीफ जस्टिस बीआर गवई ने सफाई दी थी। उन्होंने कहा था कि मेरी टिप्पणी को सोशल मीडिया पर गलत तरीके से दिखाया गया। मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूं। बेंच में शामिल जस्टिस के विनोद चंद्रन ने सोशल मीडिया को एंटी-सोशल मीडिया कहा था। उन्होंने बताया कि उन्हें भी ऑनलाइन गलत तरह से दिखाया गया है। वहीं, याचिकाकर्ता के वकील संजय नूली ने कहा कि CJI के बारे में सोशल मीडिया पर फैलाए गए बयान झूठे हैं। सॉलिसिटर जनरल ने कहा था- सीजेआई सभी धर्मस्थलों पर जाते हैं
18 सितंबर को ही सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि मैं CJI को 10 साल से जानता हूं। वे सभी धर्मस्थलों पर जाते हैं। आजकल सोशल मीडिया पर बातें बढ़ा-चढ़ाकर दिखाई जाती हैं। मेहता ने कहा था कि न्यूटन का नियम है कि हर क्रिया की समान प्रतिक्रिया होती है, लेकिन अब सोशल मीडिया पर हर क्रिया की जरूरत से ज्यादा प्रतिक्रिया हो जाती है। वहीं, सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने भी सहमति जताई। कहा कि सोशल मीडिया की वजह से वकीलों को रोज दिक्कत उठानी पड़ती है। देखिए जवारी मंदिर की 4 तस्वीरें… ————— यह खबर भी पढ़िए:- मां-पिता के बीच सो रहे बच्चे की दबने से मौत:अमरोहा में मां ने दूध पिलाने के लिए हिलाया, फिर चीख पड़ी; 26 दिन का था यूपी के अमरोहा से झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। पति-पत्नी ने बेड पर पहले 26 दिन के बेटे को लिटाया। फिर उसके अगल-बगल खुद लेट गए। रात में सोते समय दोनों ने करवट बदली। इससे बच्चा उनके नीचे दब गया। थोड़ी देर बाद मां दूध पिलाने उठी तो देखा बच्चे में कोई हरकत नहीं हो रही। पढ़ें पूरी खबर…
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