पूर्णिया के कला भवन में सोमवार को बड़े ही धूमधाम से निःशुल्क सामूहिक विवाह समारोह संपन्न हुआ। सनातन सेवा संघ के प्रयास से सफल हुए समारोह में 10 जोड़ों ने हिन्दू रस्मों रिवाज से सात फेरे लिए। आर्थिक रूप से कमजोर घर की बेटियां सम्मानजनक माहौल में विवाह के बंधन में बंधी। ये समारोह जिले में होने वाला अब तक का पहला आयोजन है। सामूहिक विवाह समारोह को लेकर कला भवन में खास तैयारी दिखी, परिसर दुल्हन की तरह सजा नजर आया। बैंड-बाजा से लेकर स्वादिष्ट व्यंजनों तक की विशेष व्यवस्था कला भवन में भीड़ ऐसी, जैसे पूरा शहर सामूहिक विवाह का मेहमान बना हो। हजारों लोग वैवाहिक जीवन में बंधने वाले जोड़ों को अपना आशीर्वाद देने पहुंचे। समारोह में शामिल होने वाले सभी लोग खासे उत्साहित दिखे। समारोह में बैंड-बाजा से लेकर स्वादिष्ट व्यंजनों तक की विशेष व्यवस्था दिखी। बराती हो या शराती, आम हो या खास सभी शादी समारोह, व्यंजनों और इस खास मौके का लुत्फ उठाते दिखे। निःशुल्क सामूहिक विवाह समारोह लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा। हर किसी के जुबां पर शादी समारोह की चर्चा रही। आवश्यक सामान उपहार के रूप में दिया सात फेरे और सिंदूर रस्म पूरी होने के बाद नवविवाहित जोड़ियों को गृहस्थी शुरू करने के लिए आवश्यक सामान भी उपहार स्वरूप दिया गया। विशेष अतिथि भी शादी के बंधन में बंधने वाले जोड़ों को आशीर्वाद देने पहुंचें। मौके पर समारोह के मुख्य आयोजनकर्ता शहर के जाने-माने सर्जन और ग्रीन पूर्णिया के संस्थापक डॉ. अनिल कुमार गुप्ता ने कहा कि समाज में ऐसे अनगिनत परिवार हैं जो आर्थिक तंगी के कारण अपनी बेटियों की शादी नहीं करा पाते। कई बार यही तनाव पारिवारिक और सामाजिक समस्याओं का कारण बन जाता है। सामूहिक विवाह कार्यक्रम ऐसे परिवारों के लिए उम्मीद की किरण है। अनगिनत लोगों का सहयोग मिला इस कार्यक्रम की रूपरेखा से लेकर इसे मूर्त रूप देने सनातन सेवा संघ के साथ ही अनगिनत लोगों का सहयोग मिला। सभी महीने भर से इसमें लगे रहे। जोड़ो के रजिस्ट्रेशन से लेकर शादी विवाह में प्रयोग होने वाली सामग्री जुटाना एक चुनौती थी। मगर उनके और टीम के दिन रात की मेहनत और दृढ़ संकल्प ने इसे न सिर्फ पूरा किया बल्कि इसे सफल बनाया। आयोजन सिर्फ विवाह समारोह नहीं, उज्ज्वल भविष्य का संकल्प समारोह की अगुवाई कर रही समाजसेवी पिंकी गुप्ता ने कहा कि यह आयोजन सिर्फ विवाह समारोह नहीं, बल्कि गरीब बेटियों के सम्मान और उनके उज्ज्वल भविष्य का संकल्प है। एक बेटी की गृहस्थी बसाना सबसे बड़ा धर्म है और इस कार्यक्रम समाज में मानवता और सेवा का बड़ा संदेश गया है। विवाह को पारंपरिक रीति-रिवाज से सम्पन्न कराया गया है।
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