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पूर्णिया में प्रैक्टिकल एग्जाम की पारिश्रमिक लंबित:2022 से भुगतान नहीं, जल्द मांग पूरी न होने पर आंदोलन की चेतावनी

पूर्णिया में पिछले चार सालों से लंबित प्रायोगिक परीक्षा के भुगतान को लेकर शिक्षकों और वीक्षकों का आक्रोश खुलकर सामने आ गया है। जल्द भुगतान न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। इससे पहले बीते सप्ताह ही पूर्णिया विश्वविद्यालय के अंदर आने वाले चार जिलों के गैर-अंगीभूत कॉलेजों के वीक्षक और शिक्षक विश्वविद्यालय कैंपस में जुटे। विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। कुलपति प्रो. विवेकानंद सिंह से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। मौके पर मौजूद प्रो. अजय कुमार यादव ने कहा कि साल 2022 से अब तक आयोजित प्रायोगिक परीक्षाओं का पारिश्रमिक भुगतान नहीं किया गया है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति गंभीर रूप से प्रभावित हो रही है। यूजी स्तर की कुल 14 खंड की प्रायोगिक परीक्षाओं का पारिश्रमिक अब तक लंबित है। इसमें यूजी फर्स्ट सेमेस्टर दिसंबर 2023, यूजी सेकेंड सेमेस्टर जून 2024, यूजी फर्स्ट सेमेस्टर दिसंबर 2024, यूजी थर्ड सेमेस्टर दिसंबर 2024 और यूजी सेकेंड सेमेस्टर जून 2025 की प्रायोगिक परीक्षाएं शामिल हैं। यूनिवर्सिटी की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल प्रो. अखिलेश कुमार यादव ने कहा कि उन्होंने निर्धारित समय पर परीक्षा कार्य पूरा किया, इसके बावजूद वर्षों से भुगतान नहीं होना विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है। 11 अप्रैल 2025 को विश्वविद्यालय प्रशासन को प्रायोगिक परीक्षा के पारिश्रमिक भुगतान को लेकर आवेदन दिया गया था, जिसमें 13 खंड की प्रायोगिक परीक्षाओं का उल्लेख किया गया था। हालांकि उस आवेदन के बाद केवल दो खंड का ही भुगतान किया गया, जबकि शेष पारिश्रमिक अब भी लंबित है। इसके बाद अप्रैल 2025 के बाद तीन और प्रायोगिक परीक्षाएं आयोजित हुईं, जिनका भुगतान भी अब तक नहीं किया गया है। कुल मिलाकर 14 खंड की प्रैक्टिकल एग्जाम का पारिश्रमिक बकाया प्रो. आलोक कुमार और प्रो. राजीव कुमार ने बताया कि कुल मिलाकर 14 खंड की प्रायोगिक परीक्षाओं का पारिश्रमिक बकाया है। इसे लेकर बीते सप्ताह ही जियोग्राफी, सायकोलॉजी, होम साइंस, फिजिक्स, केमिस्ट्री, बॉटनी और जूलॉजी विषयों के वीक्षक विश्वविद्यालय पहुंचे थे। वीक्षकों ने अपनी वस्तुस्थिति से अवगत कराया था। उन्होंने कहा कि लंबित पारिश्रमिक के कारण उनकी आर्थिक स्थिति दयनीय हो चुकी है। नियमित वेतन और परीक्षा पारिश्रमिक में देरी के कारण परिवार चलाना मुश्किल हो गया है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कुलपति प्रो. विवेकानंद सिंह ने घेराव के बाद सीनेट हॉल में वीक्षकों के साथ बैठक की थी। बैठक के दौरान कुलपति ने लंबित भुगतान की जानकारी पर हैरानी जताई और संबंधित शाखाओं से इसकी जानकारी लेने की बात कही। कुलपति ने वीक्षकों को आश्वस्त किया कि लंबित प्रायोगिक परीक्षा का पारिश्रमिक जल्द ही भुगतान किया जाएगा।


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