भास्कर न्यूज|पूर्णिया सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने लोकसभा में पूर्णिया को स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर (एसएमआर) आधारित औद्योगिक एवं डेटा सेंटर हब के रूप में विकसित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि सीमित भूमि, बढ़ती ऊर्जा मांग और डिजिटल भारत के लक्ष्य को देखते हुए एसएमआर कोई विकल्प नहीं है। बिहार और पूर्णिया जैसे क्षेत्रों में भूमि सीमित है, लेकिन औद्योगिक, डिजिटल और डेटा सेंटर जैसी परियोजनाओं की मांग तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में 4 से 6 एसएमआर यूनिट (1 से 1.5 गीगावाट) की स्थापना से औद्योगिक क्लस्टरों को स्थिर बिजली मिल सकेगी। इससे न केवल डेटा सेंटर हब की स्थापना संभव होगी, बल्कि स्थानीय रोजगार, निवेश और क्षेत्रीय विकास को भी गति मिलेगी। उन्होंने केंद्र से आग्रह किया कि एसएमआर को राष्ट्रीय ऊर्जा नीति में बेसलोड पावर के रूप में मान्यता दी जाए और बिहार को एसएमआर पायलट राज्य का दर्जा दिया जाए। उन्होंने कहा अनियमित ऊर्जा स्रोतों के भरोसे उच्च स्तरीय डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर संभव नहीं है। एसएमआर में ईंधन रिफ्यूलिंग का अंतराल 5-10 वर्ष होता है, जो इसे अधिक किफायती और स्थिर बनाता है। एसएमआर आधारित ऊर्जा ढांचा बनने से पूर्णिया में आईटी, एआई, क्लाउड सर्विसेज, मैन्युफैक्चरिंग और स्टार्टअप इकोसिस्टम को नई दिशा मिलेगी। इससे युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिलेगा और पलायन पर भी रोक लगेगी। उन्होंने केंद्र सरकार से एसएमआर को राष्ट्रीय ऊर्जा नीति में बेसलोड पावर के रूप में मान्यता देने, बिहार को एसएमआर पायलट राज्य बनाने के साथ-साथ को एसएमआर आधारित औद्योगिक एवं डेटा सेंटर हब के रूप में विकसित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि संसाधनों का असली मालिक देश का हर नागरिक है। नीतियां यदि समावेशी होंगी, तो भारत कॉरपोरेट साम्राज्यवाद नहीं, बल्कि संतुलित और न्यायपूर्ण विकास की ओर बढ़ेगा।
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