पीएमसीएच के नए भवन के दूसरे फ्लोर पर 60 बेड का अत्याधुनिक मेडिसिन इमरजेंसी वार्ड सोमवार को शिफ्ट हो गया। ये सभी बेड अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस हैं। हर बेड पर मल्टी पैरामीटर मॉनिटर, सक्शन मशीन और कॉल बेल सिस्टम लगाए गए हैं। इससे मरीजों का अब बेहतर इलाज हो सकेगा। मॉनिटर से मरीज की हार्ट रेट, ब्लड प्रेशर, ऑक्सीजन लेवल और सांस की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा सकेगी। सक्शन मशीन से सांस में रुकावट, बलगम या फ्लूइड जमा होने की स्थिति में तत्काल राहत दी जा सकेगी। वहीं कॉल बेल का बटन दबाकर मरीज या परिजन जरूरत पड़ने पर नर्सिंग स्टाफ को तुरंत बुला सकेंगे। इन सुविधाओं से हार्ट अटैक, सांस की गंभीर बीमारी, तेज बुखार, ब्लड प्रेशर, सेप्सिस और अन्य इमरजेंसी मामलों में गोल्डन ऑवर का बेहतर उपयोग संभव हो सकेगा। अस्पताल प्रशासन के अनुसार, नए इमरजेंसी वार्ड में प्रशिक्षित डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ और तकनीशियन की तैनाती होगी, ताकि 24 घंटे उच्च स्तरीय सेवाएं सुनिश्चित की जा सकें। इस वार्ड के शुरू होने से अस्पताल परिसर में भीड़ और अव्यवस्था में कमी आएगी।
अगले चरण में ये सेवाएं शुरू होंगी ये सेवाएं मिल रहीं… मेडिसिन इमरजेंसी वार्ड मल्टी डिसीप्लीनरी इमरजेंसी ब्लॉक पहले दिन ही सभी 60 बेड फुल : पीएमसीएच के प्राचार्य सह मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. कौशल किशोर ने बताया कि नए मेडिसिन इमरजेंसी वार्ड के सभी 60 बेड पहले दिन ही भर गए। विभाग का पूरा सेटअप एक ही परिसर में आ गया है। इससे गंभीर मरीजों को भर्ती करने और उनके इलाज में सुविधा होगी। ओपीडी से लेकर इमरजेंसी और इनडोर सेवाओं तक मरीजों को भटकना नहीं पड़ेगा। पहले इमरजेंसी में भर्ती मरीजों को वार्ड में शिफ्ट करने के लिए भारी परेशानी होती थी। इमरजेंसी वार्ड से मरीजों को करीब डेढ़ किमी दूर हथुआ वार्ड तक ट्रॉली या एंबुलेंस से ले जाना पड़ता था। प्राचार्य के मुताबिक, जब पूरा इमरजेंसी वार्ड चालू हो जाएगा, तब इसमें 95 से 100 बेड होंगे। नालंदा जिले के बिंद प्रखंड निवासी श्यामलाल ने कहा कि नया इमरजेंसी वार्ड किसी प्राइवेट अस्पताल से कम नहीं है। यहां की सुविधाओं को देखकर सुकून मिल रहा है। वहीं रामलखन प्रसाद (65) हार्ट की समस्या से पीड़ित हैं। उन्होंने कहा कि वे पहले भी पीएमसीएच आ चुके हैं। इमरजेंसी में अफरातफरी रहती थी। अब वैसे हालात नहीं है। पूजा कुमारी (परिजन) ने बताया कि रविवार रात में इमरजेंसी में भर्ती हुए थे। पहले परेशान थे। कई बार नर्स को बुलाने पर भी नहीं आती थीं। पहली बार लगा कि मरीज की तकलीफ समझी जा रही है। मोहम्मद सरफराज ने कहा कि बक्सर से आया हूं। लोगों ने डराया था कि पीएमसीएच में बहुत परेशानी होगी। लेकिन, यहां सब कुछ ठीक है। सुनीता देवी (परिजन) ने बताया कि कॉल बेल दबाते ही नर्स आ जाती हैं। पहले डॉक्टर को बुलाने में आधा घंटा लग जाता था। राजीव कुमार (मरीज के भाई) ने बताया कि कभी सोचा नहीं था कि पीएमसीएच में ऐसी सुविधाएं मिलेंगी।
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