पाकिस्तान की एक मिलिट्री कोर्ट ने पूर्व ISI चीफ फैज हमीद को 14 साल कैद की सजा सुनाई है। उनके खिलाफ करीब 15 महीने तक कोर्ट मार्शल की कार्रवाई चली। फौज की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, फैज पर चार गंभीर आरोपों में मुकदमा चलाया गया। उन पर राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने, ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट का उल्लंघन कर देश के हितों को नुकसान पहुंचाने, सरकारी अधिकार और संसाधनों का दुरुपयोग करने और व्यक्तिगत लोगों को नुकसान पहुंचाने के आरोप थे। सेना ने कहा कि कोर्ट ने सभी आरोपों में फैज को दोषी पाया है, हालांकि उन्हें फैसले के खिलाफ अपील करने का अधिकार भी है। फैज को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का करीबी माना जाता है। पिछले साल अगस्त में गिरफ्तार में हुए थे फैज फैज हमीद को पिछले साल 12 अगस्त को हाउसिंग घोटाला केस में आर्मी ने अरेस्ट किया था। उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने कार्रवाई का आदेश दिया था, जिसके बाद उनका कोर्ट मार्शल शुरू किया गया। पाकिस्तान के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था कि ISI का पूर्व चीफ को किसी मामले में अरेस्ट किया गया। साल 2023 में टॉप सिटी हाउसिंग के मैनेजमेंट ने फैज हमीद पर आरोप लगाते हुए कहा था कि उन्होंने इसके मालिक मोइज खान के ऑफिस और घर पर छापेमारी की थी। इसके बाद नवंबर 2023 में इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाउसिंग सोसाइटी के मालिक को अपनी शिकायत रक्षा मंत्रालय में दर्ज कराने के लिए कहा था। इन आरोपों की जांच के लिए सेना ने अप्रैल में एक जांच कमेटी का गठन किया था। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि इस समिति का गठन जवाबदेही तय करने के लिए किया गया था। इस कमेटी की को एक मेजर जनरल लीड कर रहे थे। मार्च 2023 में तत्कालीन गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने कहा था कि फैज हमीद और उनके भाई के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने और कथित भ्रष्टाचार के मामले में जांच चल रही है। फैज पर 5 अरब रुपए की रिश्वत का भी आरोप पूर्व ISI चीफ फैज हमीद ने अल कादिर ट्रस्ट स्कैम केस में 5 अरब रुपए की रिश्वत ली थी। यह खुलासा इमरान सरकार में मंत्री रहे और उनके दोस्त फैजल वाबडा ने किया था। अल कादिर ट्रस्ट स्कैम वही केस है, जिसमें मई 2023 में इमरान को गिरफ्तार किया गया था और इसके बाद पाकिस्तान में जबरदस्त हिंसा हुई थी। 8 लोग मारे गए थे। आर्मी हेडक्वॉर्टर के अलावा जिन्ना हाउस पर भी खान समर्थकों ने हमला किया था। इस हमले के बाद सेना और सरकार ने एक्शन लिया था। इसका असर ये हुआ था कि इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के 80 से ज्यादा बड़े नेता, सांसद और विधायक पार्टी छोड़ गए थे। कौन है फैज हमीद फैज हमीद पाकिस्तानी आर्मी के रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल हैं। उन्होंने साल 2019 से लेकर 2021 तक पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के डायरेक्टर जनरल के तौर पर भी काम किया है। फैज का जन्म पाकिस्तान के चकवाल के लतीफाल गांव में हुआ था। हमीद ने 1987 में पाकिस्तान मिलिट्री अकेडमी को ज्वॉइन किया था। उन्होंने क्योटा के कमांड एंड स्टाफ कॉलेज से ग्रेजुएशन किया है। इसके बाद उन्हें पाकिस्तानी आर्मी की बलूच रेजीमेंट में कमीशन किया गया था। फैज हमीद पाकिस्तान की सेना में पेशावर के कोर कमांडर भी रहे हैं। उन पर रिटायरमेंट के बाद पाकिस्तानी सेना के नियमों के उल्लंघन का आरोप भी लगा है। फैज हमीद पर ISI चीफ के तौर पर पद के दुरुपयोग का आरोप लगा था। तालिबान के सत्ता में आने के बाद काबुल गए थे फैज हामिद तालिबान ने 15 अगस्त 2021 को काबुल के साथ ही करीब-करीब पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था। दुनिया को पहले ही शक था कि पाकिस्तान फौज और ISI तालिबान की पूरी मदद कर रही है। सितंबर 2021 की शुरुआत में जनरल फैज हमीद चुपचाप काबुल पहुंचे। यहां एक ही फाइव स्टार सेरेना होटल है। यहां वे तालिबान के आला नेताओं के साथ हाथ में चाय का प्याला लेकर कहकहे लगा रहे थे। संयोग से इसी होटल में ब्रिटेन की एक महिला जर्नलिस्ट मौजूद थी। उसने न सिर्फ फैज के फोटो लिए, बल्कि कुछ सवाल भी किए। इसके जवाब में फैज ने सिर्फ इतना कहा- ऑल इज वेल। ISI चीफ की 1 महीने में ही चली गई नौकरी तालिबानी नेताओं से मुलाकात की यह खबर आग की तरह फैल गई। फैज के काबुल दौरे और तालिबान नेताओं से मुलाकात बाइडेन एडमिनिस्ट्रेशन को नागवार गुजरी। अमेरिका को लगा कि जनरल फैज तालिबान नेताओं के साथ मिलकर अफगानिस्तान में अमेरिकी शिकस्त का जश्न मना रहे हैं। अमेरिका और आर्मी चीफ जनरल बाजवा ने इमरान खान पर हामिद को हटाने का दबाव बनाया। ऐसे में काबुल के दौरे के एक महीने बाद ही हामिद को ISI चीफ के पद से हटा दिया गया।
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