बेतिया | महापर्व छठ संपन्न होने के साथ ही अब देवोत्थान एकादशी व्रत की तैयारी शुरू हो गई है। कार्तिक मास का एकादशी व्रत काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। आचार्य राधाकांत शास्त्री की मानें तो इस वर्ष का एकादशी काफी अच्छा है,बस स्त्रियों को थोड़ी सावधानी रखनी होगी। इस वर्ष 31 अक्टुबर शुक्रवार को धनिष्ठा नक्षत्र और वृद्धि योग में बाल धोकर नहाय खाय कर लेना है। एक शनिवार को शतभिषा नक्षत्र एवं ध्रुव योग उत्तम व्रत है, जिसमें नव विवाहित स्त्रियों को बाल नहीं धोना है, स्त्रियों को सामान्य स्नान करना है। पूरा दिन और रात्रि 2:57 तक एकादशी है।
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