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पश्चिम बंगाल से सप्लाई हो रहे नकली नोट:अलीगढ़ में नकली नोटों के साथ पकड़ा गया था आरोपी, पूछताछ में कई नाम आए सामने

अलीगढ़ में पश्चिम बंगाल के मालदा से नकली नोटों की सप्लाई की जा रही है। आरोपी पश्चिम बंगाल से नकली नोट लाते हैं और फिर इसे अलीगढ़ समेत पूरे प्रदेश में चलाते हैं। आरोपियों का रैकेट कई राज्यों में फैला हुआ है। यह जानकारी पुलिस को नकली नोट के साथ पकड़े गए आरोपी से पूछताछ में हुई है। देहलीगेट थाना क्षेत्र में शुक्रवार की रात को दो व्यक्ति नकली नोट के साथ जनसेवा केंद्र पर रुपए ट्रांसफर कराने पहुंचे थे। सेवा केंद्र संचालक को जब आरोपियों पर संदेह हुआ तो उसने पुलिस को सूचना दी थी। जिसके बाद एक आरोपी को 2.17 लाख रुपए के नकली नोटों के साथ गिरफ्तार किया गया था। नकली नोट लेकर आया था आरोपी देहलीगेट थाना क्षेत्र के खैर अड्‌डे पर 24 अक्टूबर की रात को एक व्यक्ति जनसेवा केंद्र पर ऑनलाइन रुपए ट्रांसफर कराने क लिए आया था। आरोपी ने संचालक को 500 के नोटों की गड्‌डी देकर रुपए ट्रांसफर करने के लिए कहा था। जिस पर संचालक को संदेह हुआ था और उसने लोगों की मदद से पुलिस को सूचना दी थी। जिसके बाद पुलिस ने कासगंज के जिकरुल हसन उर्फ रॉकी पुत्र अहमद हसन निवासी गणेशपुर बाग एटा रोड थाना गंजडुंडवारा को गिरफ्तार किया था। आरोपी के पास से पुलिस को 2 लाख 17 हजार रुपए के 500 के 434 नकली नोट मिले थे। इसके साथ 1000 रुपये (500 के दो असली नोट), एक मोबाइल फोन, बुलट बाइक बरामद हुई थी। मार्च में भी आरोपी गया था जेल पुलिस ने कासगंज निवासी जिकरुल हसन उर्फ रॉकी को नकली नोटों के साथ गिरफ्तार किया। उसके पास से 2.17 लाख रुपए के नकली नोट बरामद हुए हैं। आरोपी और उसके दो अन्य साथियों को 22 मार्च 2025 को रोरावर थाना क्षेत्र में भी नकली नोटों के साथ गिरफ्तार किया गया था। जिसके बाद तीनों को मुकदमा दर्ज करके जेल भेजा गया था। जेल से छूटने के बाद आरोपी फिर से नकली नोट के काम में जुट गया। रुपए के लालच में कर रहा था काम आरोपी ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि उसका दोस्त बारिक पुत्र शहजाद पश्चिम बंगाल से जाली नोट लाकर चलाता था।अच्छा मुनाफा कमाने के लालच में आरोपी भी इस काम में शामिल हो गया। जिसके बाद वह बारिक के साथ पश्चिम बंगाल गया था और वहां उसकी मुलाकात बारीक ने जुबेर नाम के व्यक्ति से कराई थी। जुबेर ने ही उन्हें नकली नोट दिए थे। लेकिन 22 मार्च को तीनों को पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। जेल में आरोपी की मुलाकात मुकेश उर्फ अमन से हुई थी। दोनों के बीच दोस्ती हो गई, जिसके बाद अमन ने उसे जेल से छूटने के बाद मोबाइल और बुलट दी थी। 24 अक्टूबर को आरोपी मुकेश के साथ ही खेरेश्वर चौराहे पर गया था। यहां बारीक ने ही उसे 500-500 के नकली नोट दिए थे, जिसके बाद वह उसे चलाने के लिए जनसेवा केंद्र पर गए थे। बांग्लादेश से भी जुड़े हैं नकली नोट के तार पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने बताया है कि वह पश्चिम बंगाल से नकली नोट लाता है। लेकिन इसकी सप्लाई बांग्लादेश से की जाती है और फिर इसे देश भर में खपाया जाता है। जिसके बाद पुलिस अब इस सारे नेटवर्क की तलाश में जुटी हुई है। वहीं गिरफ्तार किए गए आरोपी के दो अन्य साथी बारीक और मुकेश की तलाश की जा रही है। एसपी सिटी मृगांक शेखर पाठक ने बताया कि आरोपी से पूछताछ के आधार पर कई नाम सामने आए हैं। सभी तथ्यों की जांच की जा रही है और इसके पूरे नेटवर्क की तलाश की जा रही है। जल्दी ही अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।


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