पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को कोलकाता में हाल ही में हुए गीता पाठ कार्यक्रम में दो ठेलेवालों पर हुए हमले की कड़ी निंदा की और कहा कि राज्य में इस तरह की धमकियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। नदिया जिले के कृष्णानगर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। यह पश्चिम बंगाल है, उत्तर प्रदेश नहीं। उन्होंने ठेले बेचने वालों को पीटा… हमने कल रात सभी को गिरफ्तार कर लिया।
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बनर्जी ने भाजपा पर राज्य में सांप्रदायिक विभाजन की संस्कृति फैलाने का आरोप लगाया। भगवा पार्टी पर निशाना साधते हुए बनर्जी ने कहा कि मैं सांप्रदायिक विभाजन में विश्वास नहीं करती। मैं सभी धर्मों के साथ चलना चाहती हूं। गीता पाठ के लिए सार्वजनिक सभा आयोजित करने की क्या आवश्यकता है? जो लोग ईश्वर से प्रार्थना करते हैं या अल्लाह से आशीर्वाद मांगते हैं, वे अपने हृदय में ऐसा करते हैं।
धार्मिक ग्रंथों का राजनीतिक लामबंदी के लिए इस्तेमाल करने वालों पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने आगे कहा कि मैं उन लोगों से पूछना चाहती हूं जो लगातार ‘गीता, गीता’ जपते रहते हैं – श्री कृष्ण ने धर्म के बारे में क्या कहा था? धर्म का अर्थ है पालन करना, विभाजन करना नहीं। वे पश्चिम बंगाल को नष्ट करना चाहते हैं। वे राज्य पर कब्जा करना चाहते हैं और लोगों को बंगाली बोलने से रोकना चाहते हैं। हम सभी गीता पढ़ते और सुनाते हैं। इसके लिए सभा आयोजित करने की क्या आवश्यकता है?
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कोलकाता पुलिस ने बुधवार रात को तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इन पर आरोप है कि उन्होंने 7 दिसंबर को ब्रिगेड परेड ग्राउंड में आयोजित ‘पांच लोक्खो कोंठ गीता पाठ’ के दौरान दो खाद्य विक्रेताओं पर हमला किया था। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मैदान पुलिस स्टेशन में दर्ज दो शिकायतों के आधार पर ये गिरफ्तारियां की गईं।
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