विधिक सेवा प्राधिकार अधिनियम, 1987 के तहत बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार ने राज्य के विभिन्न जिलों में स्थायी लोक अदालतों का गठन किया है। इन अदालतों का मुख्य उद्देश्य आम नागरिकों को जनोपयोगी सेवाओं से जुड़े विवादों में त्वरित, सुलभ और कम खर्चीला न्याय उपलब्ध कराना है। पश्चिम चंपारण जिला भी उन जिलों में शामिल है, जहां स्थायी लोक अदालतें प्रभावी रूप से कार्यरत है। सार्वजनिक उपयोगिता सेवाओं से जुड़े विवाद निपटाए जाते हैं स्थायी लोक अदालतें मुख्य रूप से जनोपयोगी सेवाओं से संबंधित मामलों का निपटारा करती है। इनमें परिवहन सेवाएं, वाहन चालान, डाक सेवाएं, बिजली एवं जल आपूर्ति, बैंकिंग, बीमा, अस्पताल और अन्य सार्वजनिक उपयोगिता सेवाओं से जुड़े विवाद शामिल हैं। इन मामलों को नियमित अदालतों में ले जाने से पहले स्थायी लोक अदालत के माध्यम से सुलह और समझौते के आधार पर समाधान का प्रयास किया जाता है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यदि दोनों पक्ष आपसी समझौते पर नहीं पहुंच पाते हैं और मामला किसी गंभीर अपराध से संबंधित नहीं है, तो स्थायी लोक अदालत को उस विवाद पर निर्णय देने का वैधानिक अधिकार प्राप्त है। यह व्यवस्था वादकारियों को वर्षों तक चलने वाली न्यायिक प्रक्रिया से राहत देती है, जिससे समय और आर्थिक बोझ दोनों की बचत होती है। कहां है पश्चिम चंपारण में स्थायी लोक अदालत? पश्चिम चंपारण जिले में स्थायी लोक अदालत एडीआर बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर कोर्ट रूम और फर्स्ट फ्लोर, सिविल कोर्ट परिसर, बेतिया में संचालित है। यहां आम नागरिक जनोपयोगी सेवाओं से संबंधित अपने विवादों के समाधान के लिए आवेदन कर सकते हैं। स्थायी लोक अदालत के माध्यम से न्याय की प्रक्रिया सरल, त्वरित और जनहितैषी बन रही है, जिससे आम लोगों का न्याय व्यवस्था पर विश्वास मजबूत हो रहा है।
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