आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की टीम परीक्षा माफिया संजय प्रभात की संपत्ति की जांच कर रही है। संजय और उसके परिजनों के नाम पर पुलिस को अब तक 7 बैंक खाते मिले हैं। संबंधित बैंकों से इन खातों का ट्रांजेक्शन डिटेल मांगा गया है। पुलिस को जानकारी मिली है कि संजय ने कुछ बैंक खाते अन्य लोगों के नाम पर भी खुलवाया है। संजय और उसकी प|ी का पैन नंबर पुलिस को मिल गया है। पैन नंबर से पुलिस उसके अन्य खातों की जानकारी जुटा रही है। जांच टीम को जानकारी मिली है कि संजय ने प|ी और अन्य रिश्तेदारों के नाम पर दूसरे राज्यों में भी करोड़ों का निवेश किया है। संजय प्रभात बरबीघा से विधानसभा चुनाव लड़ा था। उसने 14.36 करोड़ की संपत्ति का ब्योरा दिया था। जांच टीम संजय के शपथ पत्र को भी खंगाल रही है। संजय, उसकी प|ी और अन्य परिजनों की संपत्ति का आकलन करने के बाद पुलिस जब्ती की कार्रवाई करेगी। पेपर लीक करने वाले 10 की पहचान टीआरई-3 का पेपर लीक करने वाले 10 माफिया फरार चल रहे हैं। सभी का सत्यापन हो चुका है। वहीं, दो दर्जन से अधिक अभ्यर्थियों का पुलिस सत्यापन कर रही है। जिन 26 अभ्यर्थियों को संजय ने हजारीबाग भेजा था, उनमें से भी कुछ का सत्यापन बचा है। नाम और पते का सत्यापन होने के बाद पुलिस इनको भी गिरफ्तार करेगी। ईओयू की टीम पटना और आसपास के जिले में छापेमारी कर रही है। टीआरई-3 : 26 अभ्यर्थियों से 78 लाख वसूले टीआरई-3 की परीक्षा से पहले संजय ने 26 अभ्यर्थियों को पेपर पढ़ने के लिए हजारीबाग भेजा था। सूत्रों की माने तो इन अभ्यर्थियों से उसने 78 लाख रुपए वसूला था। इसमें से उसने 26 लाख रुपए कमीशन रख लिया और शेष पैसा सरगना को भेज दिया था। यह परीक्षा मार्च 2024 में बीपीएससी ने ली थी। जब ईओयू की टीम हजारीबाग स्थित बैंक्वेट हॉल में रेड की थी, तब संजय वहीं मौजूद था। लेकिन वह फरार हो गया था।
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