परबत्ता प्रखंड मुख्यालय के परबत्ता बाजार में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की सरकारी जमीन की नापी शुरू हो गई है। सुबह सरकारी अमीन के बाजार पहुंचने के साथ ही सड़क किनारे दुकान लगाने वाले दुकानदारों में बेचैनी देखी गई। अतिक्रमण से जाम की समस्या अगुवानी-महेशखुट मुख्य सड़क के दोनों किनारों पर वर्षों से फल, सब्जी, नाश्ता, चाय और ठेला-खोमचा लगाकर दर्जनों परिवार अपनी आजीविका चला रहे हैं। यह क्षेत्र सुबह से शाम तक एक व्यस्त बाजार का रूप ले लेता है। सड़क किनारे अवैध अतिक्रमण के कारण परबत्ता बाजार में अक्सर यातायात जाम की समस्या बनी रहती है। विशेषकर सुबह और शाम के समय पैदल चलना भी कठिन हो जाता है। स्थानीय निवासियों के अनुसार, सड़क पर बढ़ती भीड़ और अव्यवस्थित दुकानों के कारण कई छोटी-बड़ी दुर्घटनाएं भी हुई हैं। हालांकि, इस संबंध में अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई थी। दुकानदारों में आजीविका का संकट अचानक नापी शुरू होने से दुकानदारों में आशंका और भय का माहौल है। कई दुकानदारों ने चिंता व्यक्त की है कि यदि अतिक्रमण हटाया जाता है, तो उनके सामने आजीविका का गंभीर संकट खड़ा हो जाएगा। प्रशासन ने बताया है कि यह कार्रवाई उच्चाधिकारियों के निर्देश पर की जा रही है। अंचलाधिकारी हरिनाथ राम ने जानकारी दी कि पीडब्ल्यूडी की सरकारी जमीन की नापी नियमानुसार संपन्न कराई जा रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि नापी की रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। अंतिम निर्णय का इंतजार वर्तमान में केवल मापी का कार्य पूरा किया गया है, और अंतिम निर्णय वरीय अधिकारियों के आदेश प्राप्त होने के बाद ही लिया जाएगा। नापी की खबर फैलने के साथ ही पूरे बाजार में चर्चाओं का दौर तेज हो गया है। परबत्ता बाजार में अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है, और सभी की निगाहें प्रशासन के अगले कदम पर टिकी हुई हैं।
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