बेगूसराय में पूर्णिया के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव पहुंचे। जहां उन्होंने अतिक्रमण में बेघर भूमिहीन परिवारों के लिए कहा कि मैं उनको अपनी तरफ से जमीन खरीद कर देंगे। उन्होंने बिहार सरकार के मंत्री को सभी परिवार को 5-5 डिसमिल जमीन देने को कहा है। इसके साथ ही अपने कार्यकर्ताओं को भूमिहीन बेघर की सूची बनाने और जमीन चिह्नित करने का निर्देश दिया है। आज बेगूसराय में अतिक्रमण हटाने से बेघर हुए परिवार से मिलने के बाद पप्पू यादव ने पत्रकारों से बात की। उन्होंने कहा कि किसके आदेश से बेगूसराय में अधिकारियों ने अतिक्रमण हटाया। हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट किसी का ऑर्डर नहीं है। हाईकोर्ट का आदेश है कि आप पहले जमीन दीजिए, घर बनाएं, फिर कहीं से हटाइए। जिंदगी की सारी कमाई लगाकर लोग घर बनाते हैं। कहा कि आज एक सप्ताह से यहां अतिक्रमण हटाने का सिलसिला चल रहा है, लोग ठंड में बाहर रह रहे हैं। बारिश और ठंड के समय किसी भी कीमत पर बेघर नहीं करने का नियम है। पहले नोटिस देना चाहिए था। एनएच से 100-50 मीटर दूर वाले को नहीं तोड़ा जा सकता है। 70 साल से लोग यहां जिंदगी जी रहे थे, आखिर इन लोगों को जमीन क्यों नहीं दी गई। मंत्री की बात भी सुनने के लिए कोई अधिकारी तैयार नहीं है, क्योंकि यहां इंस्पेक्टर राज है। पूरे देश को गुलाम बना दिया गया है पप्पू यादव ने कहा कि पूरे देश में इंडिगो को लेकर हाहाकार है। एक माफिया को मदद करने के लिए पूरे देश को गुलाम बना दिया। पूरे देश की जनता को बंधक बना दिया गया है। अच्छे दिन आने का नारा दिया गया, लेकिन न तो आम लोगों के अच्छे दिन आए और न ही गरीब लोगों के लिए। कहा गया था कि चप्पल वाले हवाई जहाज से जाएंगे, लेकिन न तो चप्पल वाले को जमीन पर रहने दिया गया और न ही चप्पल वाले को हवा में चलने दिया गया। एक-एक लाख का हवाई जहाज का टिकट बेचा गया। भारत अपने को विश्व गुरु कहता है, लेकिन जब एक ही आदमी को मनमानी करने की मोनोपोली दे देंगे तो कैसे होगा। कोयला, बंदरगाह, गैस और एयरपोर्ट, सब चीज 2 से 3 आदमी के बीच बांट दिया गया। भारत के 140 करोड लोग गुलाम हो गए हैं, बंधक बना दिया गया है। राहुल गांधी इंडिगो के संबंध में 2 साल पहले जो कहे थे, आज वही हो रहा है। नदी को भरकर जमीन बेच दी गई बिहार की स्थिति तो बदतर है, 26 नवंबर से आज तक कोई शहर नहीं बचा। बुलडोजर चला कर गोलगप्पा, चाऊमीन, अंडा, मांस, मछली, सब्जी, दूध, फल की दुकान नहीं बर्बाद की गई। सरकार की जमीन पर रहने वालों पर बुलडोजर चलाया गया। जो सरकारी जमीन खास महल की जमीन है, गैर मजरुआ जमीन है, ऐसी लगभग जमीन पर या तो होटल बन गया है या माफिया ने सीओ, डीसीएलआर और एडीएम को पैसा देकर पर्चा बना लिया। कई जगहों पर ऐसी जमीन की रजिस्ट्री हो गई है। नदी को भरकर के लोगों ने जमीन बेच दी है, माफिया, अधिकारी और नेता की मिलीभगत से ऐसा हो रहा है। लोग रो रहे हैं, सरकार का नाश होगा महात्मा गांधी के जैसे 3 बंदर थे, आज भी वही स्थिति है। सुप्रीम कोर्ट नोटिस नहीं ले रही है, सदन लड़ने को तैयार नहीं है और न ही जनता लड़ने के लिए तैयार है। सरकार पूरी तरह से रावण हो चुकी है, चंगेज खान की तरह हुकूमत कर रही है। सरकार तीन-चार व्यक्ति को पूरा देश देकर जनता को बंधक बना चुकी है और पूरा देश चुप है। बच्चे भूखे हैं, लोग सड़क पर हैं, उनके पास कुछ नहीं है। विपक्ष के लोग एक मुट्ठी चावल लेकर आ जाते तो हम समझते कि वह मदद कर रहे हैं, लेकिन यहां तो कोई देखने तक नहीं आ रहा है। हम सरकार से एक बार फिर मांग कर रहे हैं कि ऐसी स्थिति में ठंड के महीने में गरीबों की जिंदगी बर्बाद होने से रोकिए। जब तक आप शहरों में छोटी दुकान बनाकर कमजोर दुकानदारों को जगह नहीं देते हैं, तब तक उसकी जिंदगी पर लात नहीं मारी जाए। जब तक पांच डिसमिल जमीन भूमिहीनों को देकर घर नहीं बना देते हैं, तब तक आपको अतिक्रमण हटाने का अधिकार नहीं है। हमने पहले भी सदन में उठाया और कल फिर से सदन में उठाएंगे। हाईकोर्ट में रिट कर चुके हैं। आखिर यह कैसी सरकार है। सरकार ने बहुत गलत किया है और गरीबों की आह लगेगी। सरकार नहीं बचेगी, आज जो यह लोग रो रहे हैं, वह सरकार का नाश कर देगा।
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