जमुई के चर्चित पत्रकार गोकुल यादव हत्याकांड में अदालत ने छह दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। यह फैसला 3 साल की लंबी कानूनी प्रक्रिया और सुनवाई के बाद आया है। इस हत्याकांड ने अगस्त 2022 में जमुई सहित पूरे बिहार में कानून-व्यवस्था और पत्रकारों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए थे। गोकुल यादव की हत्या 10 अगस्त 2022 को सिमुलतला थाना क्षेत्र के गोपालामारन गांव के पास दिनदहाड़े हुई थी। पत्रकार गोकुल यादव जब अपने घर से कुछ दूरी पर थे, तभी बाइक सवार हमलावरों ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं। उन्हें तीन गोलियां लगीं और मौके पर ही उनकी मौत हो गई थी। गोकुल यादव की पत्नी मुखिया पद की प्रत्याशी थीं पुलिस जांच में सामने आया कि वर्ष 2022 के पंचायत चुनाव में गोकुल यादव की पत्नी मुखिया पद की प्रत्याशी थीं। चुनाव के बाद गांव के कुछ लोगों से उनका विवाद शुरू हुआ, जो बाद में गंभीर रंजिश में बदल गया। इसी चुनावी दुश्मनी को हत्या का मुख्य कारण माना गया। त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार किया घटनास्थल से पुलिस ने खोखे बरामद किए और त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार किया। जमुई के पुलिस अधीक्षक ने भी घटनास्थल का निरीक्षण कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया था। मजबूत साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर अदालत ने सभी छह आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। सभी छह अभियुक्तों को दोषी पाया एडीजे-7 के न्यायाधीश अमरेंद्र कुमार ने यह फैसला सुनाया। सरकारी वकील चंद्रभानु सिंह ने बताया कि न्यायालय ने मजबूत साक्ष्यों के आधार पर सभी छह अभियुक्तों को दोषी पाया और उन्हें उम्रकैद की सजा दी। अदालत के फैसले पर संतोष व्यक्त किया मृतक पत्रकार गोकुल यादव की बेटी विद्या विनम्र और भाई मिथलेश ने अदालत के फैसले पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि तीन साल की लंबी लड़ाई के बाद उनके पिता के हत्यारों को सजा मिली है। परिवार को लोकतंत्र और संविधान पर पूरा भरोसा था, और आज उन्हें न्याय मिला है। हालांकि, उन्हें इस बात का दुख है कि उनके पिता अब उनके साथ नहीं हैं।
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