सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा है कि पति द्वारा अपने माता-पिता और भाई को पैसे भेजना या पत्नी से घर के खर्च का हिसाब रखने को कहना, आईपीसी की धारा 498A के तहत ‘क्रूरता’ नहीं माना जा सकता. अदालत ने इसे वैवाहिक जीवन की सामान्य स्थितियों से जोड़ते हुए पति के खिलाफ दर्ज क्रूरता और दहेज उत्पीड़न का मामला रद्द कर दिया.
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