मोतिहारी के अरेराज थाना क्षेत्र में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जिस महिला की हत्या के आरोप में उसके पति को जेल भेज दिया गया था, उसे पुलिस ने दिल्ली से उसके प्रेमी के साथ जीवित गिरफ्तार किया है। इस घटना के बाद पुलिस की जांच पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। रणजीत कुमार नामक व्यक्ति को अपनी पत्नी गुंजा देवी की हत्या और अपहरण के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। रणजीत की मां प्रतिमा देवी ने लगातार गुहार लगाई थी कि उनका बेटा निर्दोष है और उनकी बहू कहीं खुद चली गई है, वह जीवित है। हालांकि, पुलिस ने उनकी बात नहीं सुनी और घटना के महज चार दिन के भीतर रणजीत को दोषी मानते हुए गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पति ने गुमशुदगी का दिया था आवेदन यह मामला तब शुरू हुआ जब 3 जुलाई को रणजीत कुमार ने अरेराज थाना में एक आवेदन दिया। उन्होंने बताया कि 2 जुलाई की रात करीब 12 बजे उनकी पत्नी गुंजा देवी कहीं चली गई हैं और काफी खोजबीन के बाद भी उनका पता नहीं चल सका। रणजीत ने अपनी पत्नी के गायब होने की सूचना ससुराल वालों को भी दी थी और साक्ष्य के तौर पर घर के आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस को उपलब्ध कराए थे। मायके वाले ने हत्या का लगाया था आरोप इसके बाद, अरेराज की तत्कालीन थानाध्यक्ष विभा कुमारी ने 4 जुलाई को गुमशुदगी का मुकदमा दर्ज किया। 7 जुलाई को गुंजा के मायके वालों ने ससुराल वालों पर दहेज के लिए उनकी बेटी की हत्या कर शव छिपाने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया। इस आरोप के आधार पर पुलिस ने 9 जुलाई को रणजीत को अपनी पत्नी के अपहरण और हत्या के मामले में गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया। पुलिस ने अब उसी गुंजा देवी को दिल्ली से उसके आशिक के साथ जीवित गिरफ्तार किया है। सूत्रों के अनुसार, महिला को दिल्ली से लाने के लिए जांच अधिकारी (आईओ) ने पैसे की मांग भी की थी। इस पूरे घटनाक्रम ने पुलिस की कार्यप्रणाली और शुरुआती जांच पर कई प्रश्नचिह्न लगा दिए हैं। 2 मार्च को हुई थी शादी घटना के संबंध में रणजीत के पिता ने बताया कि मैं अपने बेटे की शादी 2 मार्च को हिंदू रीति रिवाज से हरसिद्धि थाना क्षेत्र के कृतपुर मठिया के संजय पटेल की बेटी गुंजा देवी से किया था। शादी के एक माह बाद वह अपने मायके चली गई। एक जुलाई को मेरा बेटा लड़की को लेकर घर आया। 2 की रात में दोनों के बीच फोन से बात करने को लेकर कहा सुनी हुई। मेरा बेटा पूछा कि जब हम दुकान पर चला जाता हूं तो तुम मां के फोन से किससे बात करती हो। इसी बात को लेकर दोनों के बीच कहा सुनी हुई फिर सभी सो गए। पति से झगड़ने के बाद घर से भागी इसके बाद रात साढ़े बार बजे बेटा सभी को जागते हुए बोला कि गूंजा घर में नहीं है, घर का कुंडी बाहर से लगा हुआ था। किसी तरह वो बाहर निकला और पत्नी की चारों तरफ तलाश करने लगा। इसके बाद थाने में पत्नी के गुमशुदगी का आवेदन दिया। लेकिन लड़की के परिजन के बयान पर पुलिस बिना जांच किए हत्या के आरोप में मेरे बेटे को गिरफ्तार कर जेल भेज दी। इस दौरान हम जब पुलिस के पास जाते तो वो एक ही बात कहते अगर नहीं मारे हो तो उसे ढूंढ कर लाओ। इसके बाद जिस जगह का पता चलता उसकी सूचना पुलिस को देते वहां पुलिस जाती पर पता चलता की यहां से चली गई है। इसी बीच सूचना मिला कि वह दिल्ली में है, जिसके बाद पुलिस वाले भी बताए तो हम बोले की ठीक है वहां से लाया जाए। इस पर बोला गया कि जाने का खर्च आपको देना होगा गाड़ी आपको उपलब्ध कराना होगा, फिर गाड़ी भाड़ा किया। जिसमे करीब 15 से 20 हजार का केवल तेल जला है, उसके बाद वहां से लड़की को लाया गया है। पुलिस की लापरवाही से जेल में रहा निर्दोष रणजीत का केश लड़ रहे वकील पप्पू दुबे ने बताया कि जब मेरे क्लाइंट को गिरफ्तार किया गया तो कोर्ट में बेल के लिए अपील किया। लेकिन बेल रिजेक्ट कर दिया गया। इसके बाद हाईकोर्ट में अपील किया। जब केस के आई ओ रमेंद्र कुमार ने चार्ट सिट दाखिल किया तो महिला के मौत का कोई साक्ष्य नहीं दिया। इस पर कोर्ट में एसपी और आई ओ को शो कॉज किया। इसके बाद पुलिस का नींद खुला, उसके बाद महिला को दिल्ली के नोएडा से उसे उसके आशिक के साथ गिरफ्तार कर लाया है। दरअसल, गूंजा का गांव के ही युवक से वर्ष 2023 से प्रेम प्रसंग चल रहा है, वह शादी के पक्ष में नहीं थी। घर वाले सब जानते थे, फिर भी जबरन उसकी शादी रंजित से कर दिया। शादी के बाद भी उसका अपने प्रेमी से फोन पर बातचीत चलता रहा। पुलिस ने कोर्ट में बयान दर्ज कराने के बाद दोनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
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