सहरसा जिले के पटुआहा स्थित फोरलेन पर लगातार हो रही सड़क दुर्घटनाओं से स्थानीय निवासियों में चिंता बढ़ गई है। पिछले कुछ महीनों में इन सड़कों पर तीन लोगों की मौत हो चुकी है, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने सुरक्षा उपाय बढ़ाने की मांग की है। बिजली मिस्त्री की मौत से बढ़ी असुरक्षा की भावना हाल ही में इसी फोरलेन पर एक बिजली मिस्त्री की मौत हुई थी, जिससे ग्रामीणों में असुरक्षा की भावना और गहरी हो गई है। पटुआहा के पूर्व मुखिया मुकेश कुमार झा ने बताया कि फोरलेन पर तेज आवागमन के कारण राहगीरों और स्थानीय लोगों को प्रतिदिन जान जोखिम में डालकर सड़क पार करनी पड़ती है। उन्होंने यह भी बताया कि तेज रफ्तार बाइक सवार अक्सर इन दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं। पूर्व मुखिया ने सड़क पार करने में जोखिम की बात कही पूर्व मुखिया झा ने दुर्घटनाओं पर नियंत्रण के लिए पुलिस प्रशासन से सक्रिय कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पटुआहा में एक पुलिस कैंप की तत्काल जरूरत है। उनकी दलील है कि पुलिस की स्थायी उपस्थिति से न केवल असामाजिक तत्वों पर अंकुश लगेगा, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं को नियंत्रित करने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने जिला और पुलिस प्रशासन से जल्द से जल्द पुलिस कैंप स्थापित करने का आग्रह किया। इसके अतिरिक्त, पूर्व मुखिया ने फोरलेन पर अंडरपास के निर्माण की भी मांग की है। उनका तर्क है कि पटुआहा के दोनों ओर घनी आबादी है और लोगों के पास फोरलेन पार करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है। ऐसे में अंडरपास का निर्माण सड़क दुर्घटनाओं को कम करने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। पुलिस प्रशासन से सक्रिय कार्रवाई की मांग स्थानीय लोगों ने भी प्रशासन से अपील की है कि बढ़ती दुर्घटनाओं को देखते हुए यातायात व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए और फोरलेन पर सुरक्षा उपायों को प्राथमिकता दी जाए। उनका कहना है कि यदि जल्द ही आवश्यक कदम नहीं उठाए गए, तो सड़क पार करने वाले आम लोगों की जान पर खतरा बना रहेगा।
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