भूमि सुधार से जुड़ी समस्याओं के समाधान को लेकर बिहार सरकार ने नई पहल की शुरुआत की है। उप मुख्यमंत्री सह राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने आज अपने आवास पर ‘भूमि सुधार जनकल्याण संवाद’ का शुभारंभ किया। पटना जिले के कई अंचलों से बड़ी संख्या में भूमि से जुड़े विवादों से परेशान लोग इस संवाद में पहुंचे। ऑन-द-स्पॉट समाधान का दावा उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा, ‘यह नई सरकार की नई शुरुआत है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली डबल इंजन की सरकार का लक्ष्य है कि जमीन से जुड़ी समस्याओं का त्वरित समाधान हो। संवाद के दौरान आने वाली शिकायतों का ऑन द स्पॉट निदान किया जाएगा। एक-एक विषय पर मैं खुद संज्ञान लूंगा।’ सभी CO, उप समाहर्ता और कर्मचारी रहे मौजूद कार्यक्रम में सभी अंचलों के अंचलाधिकारी (CO), उप समाहर्ता, राजस्व कर्मचारी और विभागीय अधिकारी मौजूद थे। विजय सिन्हा ने कहा कि राजधानी पटना से इस संवाद की शुरुआत की गई है। आगे हर जिले में ऐसे संवाद कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे ताकि जमीन संबंधी समस्याओं का निपटारा तेजी से हो सके। इन मुद्दों को प्राथमिकता से सुलझाया जाएगा उप मुख्यमंत्री ने मुताबिक, भूमि विवादों से जुड़े इन विषयों की सुनवाई और समाधान तुरंत किया जाएगा पहले स्थानीय स्तर पर शिकायत दर्ज करें विजय सिन्हा ने लोगों से अपील की कि किसी भी समस्या के लिए वे सबसे पहले— उन्होंने कहा कि जिन लोगों की कहीं भी सुनवाई नहीं हुई, उनकी शिकायतें प्राथमिकता पर ली जाएंगी। फर्जी कागजात वालों पर होगी कठोर कार्रवाई मंत्री ने चेतावनी दी कि जमीन से जुड़े मामलों में फर्जी कागजात लगाकर गड़बड़ी करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी। ऐसे लोगों पर कानूनी कार्रवाई कर सरकार एक नई पारदर्शी व्यवस्था की शुरुआत कर रही है। अगर कोई मेरा नाम लेकर पैरवी उस पर कड़ी कार्रवाई होगी। हम भौकाल नहीं, समाधान की राजनीति करते हैं- विजय सिन्हा डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने कहा कि ‘हम भौकाल नहीं बनाते हैं। भौकाल से समस्या पैदा होती है। हम सरोकार और सहयोग से समाधान करते हैं। पटना में हर सप्ताह एक दिन भूमि संबंधी मामलों की नियमित सुनवाई की जाएगी। यह संवाद सिर्फ पटना में ही नहीं रुकेगा, बल्कि पूरे बिहार के सभी जिलों में भूमि सुधार संवाद आयोजित किया जाएगा ताकि हर पीड़ित को न्याय मिल सके।’ बीमारी को ज्यादा देर तक नहीं खींच सकते जमीन विवाद को बीमारी की तरह बताते हुए उप मुख्यमंत्री ने कहा कि, ‘इसे जितनी देर तक लंबा खींचा जाता है, उतनी ही तकलीफ बढ़ती है। इसलिए दाखिल–खारिज जैसे मामलों को सबसे पहले प्राथमिकता में निपटाया जाएगा। संवाद के दौरान आए मामलों पर सभी वरीय अधिकारियों से रिपोर्ट लेकर उसी समय समाधान की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।’
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