पटना नगर निगम नए कचरा गाड़ियों को खरीदने की तैयारी में है। लंबे समय से नए वाहनों की खरीद नहीं होने के कारण कई वाहन जर्जर हो चुके हैं। कई कचरा वाहनों में न तो नंबर प्लेट है और न ही बॉडी की स्थिति ठीक है, जिससे सड़कों पर चलते समय कचरा गिरता रहता है। आए दिन वाहनों के खराब होने की शिकायतें भी मिल रही है। 18वीं सशक्त स्थायी समिति की बैठक में कचरा गाड़ियों की खरीद पर निर्णय होगा। पार्षदों की लगातार मांग के बाद अब इस दिशा में निर्णय लिया जाएगा। अंचल में कचरा गाड़ियों की संख्या अजीमाबाद अंचल – 84 बांकीपुर अंचल – 83 कंकड़बाग अंचल – 77 नूतन राजधानी अंचल – 111 पाटलिपुत्र अंचल – 112 पटना सिटी अंचल – 56 कुल – 523 पटना नगर निगम की 37% वाहन चलने लायक नहीं पटना नगर निगम के पास फिलहाल कुल 523 कचरा गाड़ियां हैं। इसमें 327 ही चलने लायक है, जबकि 196 यानि करीब 37% वाहन चलने लायक नहीं हैं। इसी साल सितंबर महीने में मिशन विश्वकर्मा के तहत कचरा वाहनों की मरम्मत कराई गई थी। मगर, निगम का कहना है कि रिपेयर पर काफी खर्च हो जाता है, इसलिए नए वाहन खरीदना अधिक व्यावहारिक होगा। डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के लिए नगर निगम ने सभी अंचलों को मिलाकर शहर को 375 सेक्टर में बांटा है। इसके साथ ही, सेक्टर के अनुसार कचरा वाहनों को तैनात किया गया है। निगम के 373 में 184 क्लोज टिपर वाहन चलने लायक नगर निगम के पास कुल 373 क्लोज टिपर वाहन हैं, जिनमें से केवल 184 ही चलने लायक बचे हैं। इसके अलावा 150 सीएनजी क्लोज टिपर वाहन हैं, जिनमें 143 वाहन ही उपयोग में हैं। सीएनजी वाहन में केवल 7 ही चलने लायक नहीं है। नूतन राजधानी और पाटलिपुत्र अंचल को 80-80 सेक्टर में बांटा गया है। जबकि, पाटलिपुत्र अंचल में आधे से अधिक क्लोज टिपर वाहन खराब हो चुके हैं।
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