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पटना-झोपड़पट्टी से बच्चों को लगाई जा रही नशे की लत:भास्कर के ऑपरेशन इंजेक्शन का असर, 3 गिरफ्तार; ब्राउन शुगर भी बरामद; हिमाचल-गुजरात से जुड़े तार

भास्कर ने ऑपरेशन इंजेक्शन के तहत हाल ही में बिहार में बढ़ रहे नशीले इंजेक्शन के धंधे का खुलासा किया था। 8 दिसंबर को पुलिस ने कोचिंग और स्कूल का हब कहे जाने वाले कंकड़बाग और पटना के बाकी पॉश इलाकों में गैंग की कमान संभाल रही सोनम को गिरफ्तार किया था। इसके बाद भास्कर ने अपनी इन्वेस्टिगेशन में पूरे गैंग और उसके चैन में फंसे स्टूडेंट्स को लेकर कई बड़े खुलासे किए थे। इधर, नशे के धंधे का चैन तोड़ने के लिए पुलिस भी लगातार एक्टिव है। बुधवार को कंकड़बाग इलाके के झोपड़पट्टी से भारी मात्रा में 834 पीस नशीली इंजेक्शन, 14200 कैश, 25 लीटर देसी शराब, 1 मोबाइल, 48.590 ग्राम ब्राउन शुगर बरामद किए। साथ ही धंधे में शामिल अनिल कुमार, राहुल कुमार और राजा पासवान को गिरफ्तार किया है। ASP सदर अभिनव कुमार ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली कि कंकड़बाग झोपड़पट्टी में मादक पदार्थों का कारोबार हो रहा है। गुजरात और हिमाचल की मैनुफैक्चरिंग थानेदार अभय कुमार के नेतृत्व में टीम गठित की गई। इसके बाद एक बड़े नेटवर्क के बारे में पता चला। आरोपियों ने एक झोपड़ी बनाई थी। इसी झोपड़ी में यहां पहुंचने वाले नशे करते थे। स्कूली छात्रों को इसकी लत यहीं से लगी थी। ASP सदर ने बताया कि इसके तार दूसरे राज्यों से भी जुड़ रहे हैं। अब तक जो सुई और प्रतिबंधित दवा पकड़ी गई है, वो गुजरात और हिमाचल की मैनुफैक्चरिंग हैं। भास्कर इन्वेस्टिगेशन में पढ़िए और देखिए मासूमों को इंजेक्शन की लत लगाने वाली खतरनाक गैंग की कहानी..। कुरियर के जरिए हो रही थी सप्लाई ASP सदर अभिनव कुमार ने बताया कि आरोपियों ने पुलिस की पूछताछ में बताया है कि कुरियर के जरिए सुई और दवाई मंगाई जाती थी। फिर इसे अलग-अलग जगहों पर स्टॉक किया जाता है। ब्राउन शुगर एक पुड़िया 400 से 500 में बेचते हैं। नशीले इंजेक्शन 40 रुपए में खरीदते हैं और 70 से 80 रुपए में बेचते हैं। खासकर इनका नेटवर्क और कारोबार सदर इलाके के बाईपास खेमनीचक, बहादुरपुर, 90 फीट, मलाही पकड़ी में फैला है। इस इलाके में यह गैंग काफी एक्टिव है। पुलिस फिलहाल पकड़े गए आरोपियों की निशानदेही पर इस गिरोह में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी है। इंजेक्शन वाली सोनम की राजधानी में बड़ी गैंग राजधानी में स्टूडेंट्स को नशे वाले इंजेक्शन की लत लगाने वाली गैंग कई हिस्सों में बंटी है। अलग-अलग एरिया में अलग-अलग गैंग एक्टिव हैं। कोचिंग और स्कूल का हब कहे जाने वाले कंकड़बाग और पटना के बाकी पॉश इलाकों में इस गैंग की कमान सोनम के हाथ है। सोनम इंजेक्शन की व्यवस्था करने से लेकर इसे स्टूडेंट्स तक पहुंचाने वाले एजेंट्स को डील करती है। बिहार की सबसे बड़ी दवा की मंडी गोविंद मित्रा रोड से दवा की खेप सोनम तक पहुंचती है। जिसे वो अलग-अलग एरिया में एजेंट्स को भेजती है। पूरा लेखा-जोखा सोनम के पास रहता है। सोनम की तरह दूसरे एक्टिव सदस्य भी इसी ट्रेंड पर काम करते हैं। सोनम की गिरफ्तारी के बाद भास्कर ने शुरू किया इन्वेस्टिगेशन 8 दिसंबर को पुलिस की स्पेशल टीम ने पटना के कंकड़बाग थाना क्षेत्र में एक मकान में छापेमारी कर सोनम के साथ नशे के 3 सौदागरों को गिरफ्तार कर लिया। रेड के दौरान पुलिस को 151 नशे की इंजेक्शन के साथ पूरा वेयर हाउस एक्सपोज हुआ। पुलिस की जांच में एक बड़ी सप्लाई चेन का पता चला, जिसमें सोनम की तरह कई एजेंट्स काम कर रहे हैं। सोनम के साथ पुलिस ने अमरजीत कुमार और रवि पासवान को पकड़ा जो स्टूडेंट्स को नशे की लत लगाने वाले गैंग के साथ जुड़े थे। इस खुलासे के बाद भास्कर की इन्वेस्टिगेशन टीम ने कई धंधेबाजों से डील की। जेसीबी और स्विच ऑफ इंजेक्शन को जानिए ब्यूप्रेनोफिन इंजेक्शन को जेसीबी बोलते हैं। इंजेक्शन पर भी जेसीबी प्रिंट होता है। एविल को स्विच ऑफ बोलते हैं। नशे के लिए दो अलग-अलग तरह के इंजेक्शन का सेट दिया जाता है। यह ऐसा इंजेक्शन होता है जो काफी तेज और असहनीय दर्द में डॉक्टर के पर्चे पर मेडिकल स्टोर से दिया जाता है। राहुल ने दो इंजेक्शन के लिए 80 रुपए लिए। रिपोर्टर ने कहा कि धंधा बड़े पैमाने पर करना है, रेट कुछ कम लगाइए तो राहुल ने कहा कैंसर में तेज दर्द वाले मरीजों को यह इंजेक्शन दिया जाता है। ऐसे आसानी से नहीं मिलता है, इसलिए रेट थोड़ा टाइट होता है। राहुल ने कहा कि जितना चाहिए उतना मिल जाएगा कल आइए।


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