पंजाब सरकार ने खडूर साहिब से सांसद खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को लेकर हाईकोर्ट में बड़ा दावा किया है। सरकार ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में कहा है कि अमृतपाल समाज विरोधी तत्वों और गैंगस्टरों के संपर्क में था और वह 15 लोगों की हत्या की साजिश रच रहा था। वह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। यह दावा हाईकोर्ट में अमृतपाल की पैरोल याचिका की सुनवाई के दौरान किया गया। सांसद अमृतपाल ने विंटर सेशन में शामिल होकर अपने क्षेत्र की बात रखने के लिए कोर्ट में पैरोल याचिका लगाई है। कोर्ट ने मामले में टिप्पणी कर कहा कि उन्हें किसी बंदी को संसद सत्र में बुलाने या अनुमति देने का अधिकार नहीं है। सरकार ने हाईकोर्ट में ये दावे किए… कोर्ट ने पूछा- अमृतपाल ने क्या मुद्दे तैयार किए
अमृतपाल सिंह की याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने उसके वकील से पूछा कि क्या सांसद ने बाढ़ के मुद्दे पर अपने क्षेत्र की बात रखने के लिए कोई तैयारी की है? इस पर उसके वकील ने बताया कि वह इस विषय पर अपने मुवक्किल से बात नहीं कर सके हैं। जेल या हिरासत में लोग संसद सत्र का लाभ नहीं उठा सकते
सरकार ने कई अदालतों के पुराने फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि जेल में बंद या न्यायिक हिरासत में रह रहे व्यक्ति संसद सत्र में शामिल होने के अधिकार का लाभ नहीं ले सकते। हाईकोर्ट ने भी माना कि मौजूदा कानून ऐसी अनुमति देने की इजाजत नहीं देता। अंत में हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई सोमवार तक के लिए टाल दी है। 5 हजार पन्ने का जवाब दाखिल कर चुकी सरकार अमृतसर के DC-SSP ने कहा था- कानून व्यवस्था बिगड़ेगी
इससे पहले सांसद अमृतपाल को पैरोल न देने का फैसला पंजाब सरकार ने जिला स्तर पर आई रिपोर्ट के आधार पर लिया था। सूत्रों के मुताबिक, अमृतसर के डिप्टी कमिश्नर और जिले के पुलिस अधिकारियों की रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने कहा कि अगर अमृतपाल सिंह को रिहाई दी गई तो कानून-व्यवस्था बिगड़ने का खतरा हो सकता है। अमृतपाल की तरफ से याचिका में NSA की धारा-15 का हवाला दिया गया था। इस धारा में बंदी को विशेष परिस्थिति में पैरोल देने का अधिकार है। उसकी याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश देकर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के पास ट्रांसफर कर दिया था।
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