भास्कर न्यूज | बक्सर विश्व मानवाधिकार दिवस पर बुधवार शाम व्यवहार न्यायालय बक्सर के न्यायाधीशों, न्यायिक कर्मचारियों, अधिवक्ताओं तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकार की टीम ने नगर में कैंडल मार्च निकालकर लोगों को मानवाधिकारों के प्रति जागरूक करने का संदेश दिया। यह कार्यक्रम बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, पटना के निर्देशानुसार आयोजित किया गया। कैंडल मार्च भवन विधिक सेवा सदन से प्रारंभ होकर चीनी मिल, स्टेशन रोड होते हुए आंबेडकर चौक तक पहुंचा। मौके पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश हर्षित सिंह ने कहा कि मानवाधिकार दिवस 2025 की थीम हमारी रोजमर्रा की अनिवार्यताएं हैं, जो यह याद दिलाता है कि मानवाधिकार केवल सिद्धांत नहीं, बल्कि हमारे दैनिक जीवन का अनिवार्य हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि गलत सूचना, नफरत और झूठ के खिलाफ आवाज उठाने की आवश्यकता है ताकि विश्व स्तर पर मानवाधिकारों के संरक्षण की दिशा में मजबूत पहल की जा सके। केंद्रीय कारा बक्सर में आयोजित कार्यक्रम में अवर न्यायाधीश सह सचिव नेहा दयाल ने मानवाधिकारों की वैश्विक घोषणा, इसके ऐतिहासिक महत्व और संयुक्त राष्ट्र द्वारा किए गए प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि विभिन्न सरकारी व गैर-सरकारी संगठन इस दिन को मनाकर मानवाधिकार संरक्षण के लिए जनता को प्रेरित करते हैं। मौके पर प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय मनोज कुमार, जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश मनीष कुमार शुक्ला, सुदेश श्रीवास्तव, संजीत कुमार सिंह, अपर न्यायिक दंडाधिकारी भोला सिंह शामिल थे। राजीव श्रीवास्तव, सुनील कुमार चक्रवर्ती, धनंजय तिवारी, अजय कुमार, संजय कुमार, कुंदेन्दु कुमार दूबे, संतोष कुमार द्विवेदी, दीपक गुप्ता, अमिताभ श्रीवास्तव, दीपेश कुमार श्रीवास्तव, सुधीर कुमार, मनोज कुमार रवानी, सुनील कुमार, संजीव कुमार, मोहम्मद अकबर अली, अशोक कुमार पाठक, आनंद रंजना, विधि सेवक अविनाश कुमार आदि मौजूद थे।
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