छातापुर | जिला शिक्षा कार्यालय के निर्देश पर रविवार को प्रखंड के नौ संकुल विद्यालयों में नवसाक्षर महिलाओं के लिए बुनियादी साक्षरता परीक्षा आयोजित की गई। परीक्षा में करीब एक हजार महिलाएं उत्साहपूर्वक शामिल हुईं। यह परीक्षा महादलित, दलित, अल्पसंख्यक और अतिपिछड़ा वर्ग की महिलाओं के लिए अक्षर आंचल योजना के तहत आयोजित की गई थी। साक्षरता केंद्रों पर 15 से 45 वर्ष आयु वर्ग की महिलाएं समय पर पहुंचीं। सभी केंद्रों पर तैनात शिक्षा सेवक परीक्षा संचालन में सक्रिय रहे। केआरपी पूनम पाठक ने सभी नौ केंद्रों का निरीक्षण कर परीक्षा की निगरानी की। परीक्षा का उद्देश्य नवसाक्षर महिलाओं को इतना सक्षम बनाना है कि वे अपना नाम-पता लिख सकें और सरकारी कार्यों में अंगूठा लगाने की बाध्यता से मुक्त हो सकें। परीक्षा में सफल नवसाक्षरों को साक्षरता प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा। मवि छातापुर केंद्र पर शिक्षा सेवक संजय ऋषिदेव, मो. मुश्ताक, मो. अब्बीर आलम, रोकैया खातून और शबनम परवीन उपस्थित थे। भास्कर न्यूज | सुपौल जिले में महादलित-अति पिछड़ा वर्ग अक्षर आंचल योजना के अंतर्गत 15 से 45 वर्ष की नवसाक्षर महिलाओं की परीक्षा शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुई। रविवार को जिलेभर में नवसाक्षर महिलाएं अपने-अपने केंद्र पर पहुंचीं और परीक्षा में शामिल हुईं। घर के कामों के बावजूद कई महिलाएं बच्चे गोद में लेकर परीक्षा देने आईं। जिससे केंद्र पर पूरे दिन मेला जैसा माहौल रहा। जिला परियोजना अधिकारी प्रवीण कुमार ने परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण किया। जिले के 11 प्रखंडों में कुल 91 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। कुल लक्ष्य 10,312 था। जिसमें 10,253 परीक्षार्थियों ने हिस्सा लिया। परीक्षा में महादलित और अति पिछड़ा समुदाय की नवसाक्षर महिलाओं ने भाग लिया। सफल संचालन के लिए नियंत्रण कक्ष बनाया गया था। जिसमें एसआरपी मुर्तुजा अंसारी, राज नारायण मंडल, अरुण कुमार, गोपाल वर्मा सहित अन्य कर्मचारियों ने तत्परता से कार्य किया। परीक्षा उत्तीर्ण महिलाओं को राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय शिक्षा संस्थान की ओर से प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा।
https://ift.tt/qcp04TI
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply