रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को भारतीय सेना और नौसेना की ताकत बढ़ाने के लिए 4,666 करोड़ रुपए के रक्षा समझौते किए। इनके तहत सेना को 4.25 लाख से ज्यादा नई बैटल कार्बाइन राइफल मिलेंगी। इसके साथ ही नौसेना के लिए पनडुब्बी मारने वाले 48 आधुनिक हैवीवेट टॉरपीडो भी खरीदे जाएंगे। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक 2,770 करोड़ रुपए के क्लोज क्वार्टर बैटल कार्बाइन राइफल और उनसे जुड़े उपकरण खरीदे जाएंगे। इसके लिए भारत फोर्ज लिमिटेड और पीएलआर सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ करार किया गया है। इसके अलावा 1,896 करोड़ रुपए के दूसरे समझौते में नौसेना की कलवरी क्लास पनडुब्बियों के लिए 48 हैवीवेट टॉरपीडो खरीदे जाएंगे। इसके लिए इटली की कंपनी WASS सबमरीन सिस्टम्स SRL से डील हुई है। इन टॉरपीडो की डिलीवरी अप्रैल 2028 से शुरू होकर 2030 की शुरुआत तक पूरी होगी। मंत्रालय ने कहा कि यह फैसला आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत लिया गया है, ताकि स्वदेशी और आधुनिक तकनीक से सैनिकों की ताकत को बढ़ाए जा सके। ये लगातार दूसरे दिन रक्षा सौदा किया गया है। इससे पहले सोमवार को 79,000 करोड़ रुपए के रक्षा सौदे को मंजूरी मिली थी। 1 दिन पहले 79,000 करोड़ रुपए के रक्षा सौदे को मंजूरी मिली थी रक्षा मंत्रालय ने 1 दिन पहले सोमवार को करीब 79,000 करोड़ रुपए के एडवांस हथियार और सैन्य उपकरण खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) की बैठक में ये फैसला लिया गया था। इससे नाग मिसाइल खरीदी जाएंगी, जो दुश्मन के टैंक और बंकर तबाह करने में सक्षम हैं। इसके अलावा आत्मघाती ड्रोन भी खरीदे जाएंगे। भारतीय सेना के पास अभी नागस्त्र-1 ड्रोन है, जिसकी रेंज 30 किमी तक है। नेवी के लिए रिमोटली पॉयलेटेड एयरक्रॉफ्ट सिस्टम (RPAS) भी खरीदा जाएगा। यह भी एक तरह का ड्रोन है। इसे खासतौर से नेवी के लिए डिजाइन किया गया है। एयरफोर्स के लिए ऑटोमेटिक टेक-ऑफ लैंडिंग रिकॉर्डिंग सिस्टम खरीदा जाएगा। यह एक ऐसी तकनीक है जो किसी विमान या ड्रोन के टेक-ऑफ और लैंडिंग की पूरी प्रक्रिया को अपने-आप रिकॉर्ड कर लेता है। इससे फ्लाइट सेफ्टी में सुधार होगा। थल सेना के लिए नेवी के लिए एयरफोर्स के लिए ———————– ये खबर भी पढ़ें… भारत ने K-4 बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया: पनडुब्बी से 3500km की रेंज तक मार करेगी भारत ने बंगाल की खाड़ी में न्यूक्लियर पावर्ड सबमरीन INS अरिघाट से 3,500 किलोमीटर रेंज वाली K-4 बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया। रक्षा सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि यह टेस्ट मंगलवार को विशाखापट्टनम तट के पास किया गया। भारत जमीन, हवा के बाद अब समुद्र से भी परमाणु हथियार लॉन्च कर सकेगा। पूरी खबर पढ़ें…
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