उत्तराखंड में स्थित कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के ढिकाला पर्यटन जोन से बाघ का एक दुर्लभ वीडियो सामने आया है। इसमें बाघ को जंगल में खुलेआम एक हिरण का शिकार करते हुए देखा जा सकता है। आमतौर पर बाघ को दूर से देख पाना भी मुश्किल होता है, ऐसे में यह दृश्य बेहद खास माना जा रहा है। यह वीडियो कुछ दिन पहले ही वन्यजीव प्रेमी और नेचर गाइड संजय छिम्वाल ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया है। उन्होंने बताया कि इस दृश्य को उन्होंने खुद अपने कैमरे में रिकॉर्ड किया है। पर्यटकों के अनुसार, आंखों के सामने बाघ का सफल शिकार देखना उनकी कॉर्बेट यात्रा का सबसे यादगार पल बन गया। फिलहाल यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और वन्यजीव प्रेमियों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। अचानक हुआ हमला, कुछ ही सेकंड में बना शिकार संजय छिम्वाल के अनुसार, यह घटना उस समय की है जब वह पर्यटकों के साथ ढिकाला जोन में जंगल सफारी पर मौजूद थे, तभी अचानक यह रोमांचक दृश्य सामने आया। वो कहते हैं- ये पूरी घटना संयोगवश कैमरे में कैद हो गई। पिछले साल जब मैं सफारी पर था तो मेरा कैमरा ऑन ही था, अचानक एक बाघ झाड़ियों से निकला और हिरण पर झपट पड़ा। कुछ ही पलों में बाघ ने हिरण को दबोच लिया। पूरा दृश्य कुछ सेकेंड का था, लेकिन जंगल की असली तस्वीर दिखाने वाला था। मौके पर मौजूद पर्यटक कुछ पल के लिए स्तब्ध रह गए। बाघ का शिकार करना क्यों माना जाता है दुर्लभ? संजय छिम्वाल ने बताया कि बाघ का शिकार करने का सफलता प्रतिशत काफी कम होता है। आमतौर पर बाघ 100 प्रयासों में से केवल 10 बार ही शिकार में सफल हो पाता है। ऐसे में पर्यटकों के सामने बाघ का सफल शिकार दिखना बेहद दुर्लभ माना जाता है। यही वजह है कि यह वीडियो वन्यजीव प्रेमियों के लिए खास बन गया। इस दृश्य को देखकर मौके पर मौजूद पर्यटक बेहद उत्साहित हो गए। कई लोगों ने बताया कि उन्होंने पहली बार जंगल की वास्तविक लड़ाई को इतने करीब से देखा। जंगल की सच्चाई और संरक्षण का संदेश संजय छिम्वाल ने पुष्टि की कि यह वीडियो कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के ढिकाला पर्यटन जोन का ही है और उनके कैमरे में रिकॉर्ड किया गया था। उनका कहना है कि ऐसे दृश्य यह समझने में मदद करते हैं कि बाघ जैसे शीर्ष शिकारी का जीवन कितना संघर्षपूर्ण होता है। साथ ही, यह वन्यजीव संरक्षण के महत्व को भी रेखांकित करता है। ———— ये खबर भी पढ़ें…. उत्तराखंड में भालू-तेंदुए को भगाएगा AI:डरावनी आवाजें निकालेगा, करीब आए तो बदबूदार स्प्रे करेगा उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में बढ़ते मानव-वन्यजीव संघर्ष के बीच राहत की खबर सामने आई है। पिथौरागढ़ जिले में अब भालू और तेंदुओं के आतंक से निपटने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक का सहारा लिया जाएगा। वन विभाग ने जिले को इस नई पहल के लिए मॉडल जिला चुना है। (पढ़ें पूरी खबर)
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