नेपाल के पूर्व PM ओली और पूर्व गृहमंत्री के खिलाफ FIR, Gen-Z आंदोलन में मौतों का जिम्मेदार ठहराया
नेपाल में युवाओं के नेतृत्व वाले ‘Gen-Z’ आंदोलन के दौरान हुई हिंसा और मौतों को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और पूर्व गृहमंत्री रमेश लेखक के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया है. आंदोलन से जुड़े युवाओं ने काठमांडू जिला पुलिस कार्यालय में मंगलवार को FIR दर्ज करवाई. काठमांडू के पुलिस अधीक्षक पवन भट्टराई ने इसकी पुष्टि की.
यह मामला अब न्यायिक जांच आयोग को सौंप दिया गया है. आयोग की अध्यक्षता जस्टिस गौरी बहादुर कार्की कर रहे हैं. एक सीनियर एडवोकेट ने कहा कि FIR ओली और लेखक की आपराधिक जिम्मेदारी को स्थापित करेगी और 8-9 सितंबर को हुए अपराधों की जांच का रास्ता खोलेगी.
आंदोलन में 76 लोगों की मौत हुई थी
8 सितंबर को Gen-Z आंदोलन के पहले दिन पुलिस फायरिंग में 19 प्रदर्शनकारियों की मौत हुई थी. दो दिनों में 76 लोगों की जान चली गई. यह आंदोलन भ्रष्टाचार के खिलाफ और सोशल मीडिया पर लगे सरकारी प्रतिबंध को हटाने की मांग को लेकर शुरू हुआ था. पहले दिन युवाओं ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया था, लेकिन पुलिस ने बिना चेतावनी के गोलियां चला दीं.
वहीं दूसरे दिन प्रदर्शन और अधिक उग्र हो गया. इसमें कई सरकारी दफ्तरों को आग के हवाले कर दिया गया. हिंसा और युवाओं के बढ़ते गुस्से के चलते ओली को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. अब Gen-Z आंदोलन के कार्यकर्ताओं की मांग है कि राज्य की ओर से की गई हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा मिले और उन्हें कानून के दायरे में लाया जाए.
नेपाल में 5 मार्च 2026 को चुनाव
केपी शर्मा ओली ने Gen Z के प्रदर्शनकारियों के दबाव में 9 सितंबर 2025 को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दिया. राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने 12 सितंबर को पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम सरकार का मुखिया नियुक्त किया, 13 सितंबर को 275 सदस्यीय संसद को भंग करते हुए 5 मार्च 2026 को चुनाव कराने की तारीख तय की गई.
नेपाल में चुनाव के लिए राजनीतिक दलों को 16 से 26 नवंबर तक रजिस्ट्रेशन कराना होगा. अगर कोई नई पार्टी चुनाव में शामिल होती है तो उसे 15 नवंबर तक रजिस्ट्रेशन कराना होगा.
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