पटना में जदयू नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच इन दिनों एक नई राजनीतिक मुहिम जोर पकड़ती दिख रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार को सक्रिय राजनीति में लाने और सीधे पार्टी की कमान सौंपने की मांग तेज हो गई है। युवा जदयू के प्रदेश उपाध्यक्ष कृष्णा पटेल की ओर से पार्टी कार्यालय सहित शहर के कई इलाकों में बड़े-बड़े पोस्टर लगाए गए हैं। इन पोस्टरों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर बधाई दी गई। साथ ही यह भी अपील किया है कि अब “निशांत भाई” जदयू की कमान संभालें। इसके पहले भी निशांत के जेडीयू में आने की चर्चा कई बार हो चुकी है। लेकिन अब तक इसपर किसी ने भी आधिकारिक रूप से चर्चा नहीं की है। “नीतीश सेवक… मांगे निशांत” नारे वाले पोस्टर लगाए पोस्टर पर नीतीश कुमार का विश्व रिकॉर्ड बनाते हुए 10वीं बार मुख्यमंत्री बने पर उन्हें बधाई दी गई है। साथ ही लिखा गया है- “नीतीश सेवक… मांगे निशांत… अब पार्टी की कमान संभाले निशांत भाई…”। इसके साथ ही पोस्टर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, निशांत कुमार और युवा नेता कृष्णा पटेल की तस्वीरें लगाई गई हैं। इसके जरिए यह संदेश देने की कोशिश है कि पार्टी के युवा अब नई पीढ़ी के नेतृत्व की ओर देख रहे हैं। निशांत की ओर कार्यकर्ताओं की दिलचस्पी क्यों बढ़ी? निशांत कुमार अब तक सक्रिय राजनीति से दूर रहे हैं, लेकिन चुनावी साल में उनके नाम की चर्चा जदयू के भीतर कई बार उठ चुकी है। कई युवा नेता उन्हें “नेक्स्ट जनरेशन फेस” के रूप में पेश कर रहे हैं। पार्टी में नीतीश कुमार के चेहरे के बाद उन्हें तैयार करने की बात भी कई मंचों से उठी है। हाल ही में जदयू की संगठनात्मक बैठकों में भी युवा नेतृत्व को बढ़ावा देने की बात कही गई थी, जिसके बाद से यह अटकलें और तेज हो गई हैं। हालांकि, पार्टी की शीर्ष नेतृत्व की ओर से इस पर अभी कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
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