भोजपुर में नवविवाहिता निराशा कुमारी उर्फ दुर्गावती की संदिग्ध मौत में बड़ा खुलासा हुआ है। पति ने ही उसकी हत्या की थी। उसकी छह महीने पहले शादी हुई थी। रविवार सुबह वह अपने कमरे में मृत पाई गई। पुलिस ने आरोपी पति को गिरफ्तार कर लिया है। परिजनों का आरोप है कि रात में बदमाशों ने घर में घुसकर गोली मारी थी। घटना अगिआंव बाजार की है। एसपी राज ने प्रेस वार्ता में मामले के वैज्ञानिक जांच से सामने आए तथ्यों की जानकारी दी। मृतका के ससुर चक्रवर्ती गुप्ता और थानाध्यक्ष शैलेश कुमार के बयान के आधार पर दो प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल देसी पिस्तौल, चार कारतूस, एक खोखा और एक गोली का आगे का हिस्सा झाड़ी से बरामद किया है। हथियार को एक पॉलिथीन में छिपाकर फेंका गया था। जिससे घटना को आत्महत्या या बाहरी हमले जैसा दिखाया जा सके। नजदीक से गोली मारी गई थी एफएसएल रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि गोली महिला के सिर के बाएं हिस्से से दागी गई थी। अगर गोली खुद से चलाई जाती तो दाएं हिस्से से एंट्री होती। इससे पति मणि कुमार गुप्ता की भूमिका संदिग्ध पाई गई। पूछताछ में पता चला कि शनिवार रात पति-पत्नी के बीच विवाद हुआ था। इसी विवाद रविवार की सुबह पति ने पत्नी को नजदीक से गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया। घटना के वक्त कमरे में सिर्फ दोनों ही मौजूद थे। पति ने झूठी कहानी बताई हत्या के बाद साक्ष्य मिटाने के उद्देश्य से कमरे की खिड़की के शीशे को ईंट-पत्थर से तोड़ा गया, ताकि ऐसा लगे कि बाहर से फायरिंग हुई है। इसके बाद हथियार और कारतूसों को पॉलिथिन में बांधकर झाड़ियों में फेंक दिया गया। पुलिस के अनुसार, आरोपी पति पर कुछ लोगों का कर्ज था। कर्ज चुकता न करने और दूसरे पक्ष को फंसाने की नीयत से उसने बाहर से गोली चलाए जाने की मनगढ़ंत कहानी तैयार की। निराशा कुमारी उर्फ दुर्गावती की शादी इसी वर्ष 4 जून को पीरो के पचरुखिया गांव निवासी मणि कुमार गुप्ता से हुई थी। पुलिस ने वैज्ञानिक जांच के आधार पर पुख्ता साक्ष्य जुटाए हैं। आरोपी पति को गिरफ्तार कर लिया गया है और आगे की कार्रवाई जारी है। सबसे पहले क्राइम सीन देखिए, जहां निराश की हत्या की गई FSL टीम के अनुसार, हत्या जिस कमरे में हुई, वह बंद खिड़की और एक बिस्तरे वाला छोटा कमरा है। सुबह दरवाजा खोला गया तो निराशा बिस्तर पर खून से लथपथ पड़ी थी। सिर के पीछे गहरा घाव था और खून एक ही जगह जमा था, जो साफ दिखाता है कि वार नजदीक और एक ही तरफ से किया गया। कमरे में कोई संघर्ष के निशान नहीं थे। खिड़की पूरी तरह सुरक्षित पाई गई, न टूट-फूट, न बाहर से धक्का देने के कोई निशान मिले हैं। दीवार या फर्श पर गोली का एक भी निशान नहीं मिला। घटनास्थल पर कोई कारतूस, बुलेट, गनपाउडर, फुटप्रिंट का प्रमाण भी नहीं था। FSL टीम ने कमरे से खून सने कपड़े, लकड़ी का एक भारी टुकड़ा और अन्य नमूने जब्त किए। वारदात के बाद ससुर की तीन अलग-अलग थ्योरी थ्योरी-1: कर्जदाता की धमकी और पैसे का विवाद ससुर चक्रवर्ती गुप्ता का कहना है कि उन्होंने तिलक गांव के एक व्यक्ति से एक लाख रुपए कर्ज लिया था। 80 हजार चुका दिए थे, 20 हजार और ब्याज बाकी था। उनके अनुसार, कर्जदाता लगातार पैसा मांग रहा था और कह रहा था कि “आज ही पैसा दो।” गुप्ता का आरोप है कि उसने फोन पर कई बार धमकी दी थी। वे बताते हैं कि मृतका इस कर्ज के कारण घर पर चल रहे तनाव से परेशान थी। ससुर ने आरोप लगाया उसी विवाद में हत्या की गई है। रात में घर के पास संदिग्ध गतिविधि भी दिखी थी। हालांकि, पुलिस को अभी तक ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला है, जो कर्जदाता को घटनास्थल से जोड़ सके। कॉल रिकॉर्ड और लोकेशन की जांच जारी है। थ्योरी 2 : पत्नी को एक रात साथ रखने को कहा ससुर का आरोप है कि कर्जदाता ने उनकी पत्नी (मृतका की सास) के सामने आपत्तिजनक प्रस्ताव रखा था। कथित रूप से उसने कहा था- “एक रात मेरे साथ रह जाओ, सारा कर्ज माफ कर दूंगा।” यह बात घर में तनाव और गुस्से की बड़ी वजह बनी। गुप्ता का कहना है कि निराशा भी इस घटना से आहत थी। हम जल्द पैसा लौटाने की सोच रहे थे, लेकिन तब तक ये वारदात हो गई। थ्योरी 3 : दो संदिग्धों को भागते देखने का दावा ससुर कहते हैं कि हत्या की रात, करीब 12 बजे, उन्होंने घर के पीछे दो लोगों को भागते हुए देखा। उन्होंने चेहरा नहीं देखा, लेकिन उनकी चाल-ढाल और कपड़ों से संदेह हुआ कि वे उसी विवाद से जुड़े लोग थे। उनका कहना है कि खिड़की की तरफ कुछ आवाजें आई थीं, लेकिन उन्होंने गंभीरता से नहीं लिया। सुबह बहू मृत मिली, तो उन्हें यकीन हो गया कि वही लोग हत्या कर गए।
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