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निगरानी कोर्ट ने पुलिसकर्मियों को दी 3 साल की सजा:8 साल पहले पूछताछ के नाम पर फल दुकानदार को रोका था, मारपीट कर छीन लिए थे 2300 रुपए

पटना के गांधी मैदान में साल 2017 में फल दुकानदार से लूटपाट और मारपीट हुई थी। इस मामले में 3 पुलिसकर्मियों और एक अनुबंध चालक को 3 साज की सजा निगरानी कोर्ट ने सुनाई है। सुधीर नाम के फल दुकानदार 10 सितंबर 2017 की रात करीब डेढ़ बजे पुनाई चक से कहीं जा रहे थे। इसी बीच गश्ती गाड़ी ने रास्ते में पूछताछ के लिए जमाल रोड के पास रोक लिया। सुधीर का आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने मारपीट और गाली-गलौज की। पर्स में 2300 रुपए थे, जिसे जबरन छीन लिया। जिसके बाद मैं पैदल डाकबंगला पहुंचा। सभी थाने से अरेस्ट हुए थे डाकबंगला पर पहले से ड्यूटी में पुलिसकर्मी मौजूद थे। उनको पूरी घटना के बारे में बताया। फिर सुधीर को गांधी मैदान थाने लाया गया। जिन पुलिसकर्मियों ने उनसे लूटपाट की थी, उन्हें बुलाया गया। थाने पर उन लोगों के पहुंचते ही सुधीर ने सबको पहचान लिया। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने जो रुपए लिए थे, उसे लौटा दिए। मामला मीडिया में आया। दबाव में पुलिस को इस मामले में तत्कालीन ASI विद्यानंद यादव, सिपाही नौशाद आलम, मोती राम और संविदा चालक वीरेंद्र कुमार के खिलाफ 12 सितंबर 2017 को गांधी मैदान थाने में केस रजिस्टर्ड हुआ। तत्कालीन SSP मनु महराज ने जांच कमेटी बैठाई थी। जिसमें सभी दोषी पाए गए थे। उनके निर्देश पर ही गांधी मैदान थाने में केस रजिस्टर्ड हुआ था और सभी थाने से ही अरेस्ट किए गए थे। सभी निलंबित किए गए। विभागीय जांच शुरू हो गई। जेल भेजे गए। फिलहाल कोर्ट ने सभी आरोपियों को दोषी पाया है। चारों को 3-3 साल की सजा और 10 हजार रुपए का आर्थिक दंड लगाया है। बता दें कि ASI विद्यानंद पासवान रिटायर्ड हो चुके हैं।


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