नाश्ते में रोजाना सूजी की बनी चीजें खाने से क्या होता है? एक्सपर्ट से जानें
सूजी या रवा जिसे (Semolina) इंग्लिश में सेमोलिना कहते हैं. दानेदार टेक्सचर वाली सूजी से भारतीय घरों में हलवा से लेकर इडली, उपमा, चीला, ढोकला, डोसा, टोस्ट जैसी कई चीजें बनाई जाती हैं. नाश्ते में लोग इसे एक बढ़िया ऑप्शन के तौर पर देखते हैं, क्योंकि सूजी बहुत जल्दी पक जाती है और ये पचने में भी आसान होती है. कार्ब्स होने की वजह से सूजी की बनी चीजें तुरंत एनर्जी देने में भी हेल्पफुल रहती हैं. सोशल मीडिया पर भी आपको सूजी की कई ब्रेकफास्ट रेसिपी मिल जाएंगी, लेकिन क्या आपने सोचा है कि अगर सूजी के बनी चीजें रोजाना सुबह नाश्ते में खाई जाएं तो इससे आपकी सेहत पर क्या असर होगा. चलिए एक्सपर्ट से इस बारे में जान लेते हैं.
सूजी या रवा भी गेहूं से ही बनाते हैं, लेकिन इसे खासतौर पर ड्यूरम व्हीट से बनाया जाता है. ये गेहूं की ऐसी प्रजाति है, जिसका दाना काफी ज्यादा सख्त होता है. सबसे पहले गेहूं की क्लीनिंग करके भिगोकर रखते हैं ताकि नमी बैलेंस की जा सके और फिर गेहूं का छिलका पूरी तरह से हटा दिया जाता है, इसके बाद इनको पीसने की बजाय बारीक टुकड़ों में तोड़ा जाता है. इस तरह से दानेदार सूजी बनकर तैयार हो जाती है. इसमें भी कई पोषक तत्व पाए जाते हैं. तो चलिए जान लेते हैं रोजाना ब्रेकफास्ट में तुलसी से बनी चीजें खाने से क्या होगा.
सूजी में क्या-क्या हैं न्यूट्रिएंट्स?
हेल्थ लाइन के मुताबिक, 56 ग्राम सूजी में 198 कैलोरी, 40 ग्राम कार्ब्स, 7 ग्राम प्रोटीन, डेली जरूरत का 7 प्रतिशत फाइबर, 41 प्रतिशत थायमिन, 36 प्रतिशत फोलेट, 29 प्रतिशत राइबोफ्लेविन, 8 प्रतिशत मैग्नीशियम, और 13 प्रतिशत आयरन होता है. हालांकि पकाने के बात ये न्यूट्रिएंट्स कम हो सकते हैं.
नाश्ता में सूजी की बनी चीजें खाना
धर्मशिला नारायणा हॉस्पिटल की सीनियर डाइटिशियन पायल कहती हैं कि अगर आप रोज एक महीने तक नाश्ते में सूजी से बनी चीजें जैसे इडली, चीला या उपमा खाते हैं, तो इससे आपकी हेल्थ को कुछ फायदे होने के साथ ही नुकसान भी हो सकते हैं. इसलिए मॉडरेशन में इसे लेना सही रहता है. चलिए जान लेते हैं डिटेल में.
क्या होंगे सेहत को फायदे?
एक्सपर्ट का कहना है कि सूजी हल्की होती है, जिससे ये भारीपन नहीं करती है साथ ही ये आसानी से पचने वाली होती है, इसलिए नाश्ते के लिए यह एक अच्छा ऑप्शन है. इसमें मौजूद कार्बोहाइड्रेट की ज्यादा मात्रा आपकी बॉडी को एनर्जी देने का काम करती है. वहीं अगर आप सूजी के साथ दही, दाल और सब्जियां आदि मिलाकर नाश्ता तैयार कर ते हैं तो इससे आपको थोड़े और न्यूट्रिएंट्स जैसे प्रोटीन, फाइबर, विटामिन मिल सकते हैं.
ये हो सकते हैं सेहत को नुकसान
डायटिशियन पायल का कहना है कि सूजी भले ही पचाने में आसान होती है और इसके कुछ फायदे भी हैं, लेकिन रोजाना नाश्ते में अगर आप सिर्फ सूजी खाते हैं डाइट में पोषण का इंबैलेंस हो सकता है, क्योंकि सूजी में फाइबर, आयरन, और विटामिन बहुत ज्यादा मात्रा में नहीं होते हैं. लंबे समय तक अगर आप लगातार सूजी का सेवन करते हैं तो इससे ब्लड शुगर बढ़ सकता है. इसलिए खासतौर पर डायबिटिक लोगों को इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए.
इस तरह खाने से बढ़ सकता है वेट
सूजी में कार्ब्स की मात्रा होने की वजह से इसे लगातार खाने से वेट बढ़ने की संभावना रहती है तो वहीं अगर आप इसे बनाते वक्त ज्यादा तेल या घी, बटर का यूज करते हैं तो इससे वजन और भी ज्यादा बढ़ सकता है, इसलिए सूजी को हमेशा कम घी-तेल में बनाएं और इससे बहुत ज्यादा खाने से बचें,
ग्लूटेन सेंसिटिविटी वाले करें परहेज
जिन लोगों को ग्लूटेन के प्रति सेंसिटिव है उन्हें सूजी खाने से पेट में दर्द, भारीपन जैसी समस्याएं हो सकती हैं. अगर आपको भी गेहूं खाने के बाद पेट दर्द हो जाता है तो सूजी की बनी चीजों से भी परहेज करना चाहिए. ग्लूटेन एक ऐसा पदार्थ होता है जो आटे को गोंद की तरह लचीला बनाने का काम करता है.
किसी तरह करें सूजी का सेवन
एक्सपर्ट कहती हैं कि सूजी के फायदे और नुकसानों को देखते हुए ये बेहतर होगा कि हफ्ते में दो से तीन बार सूजी के नाश्ते के साथ-साथ बाकी दिनों में ओट्स, मूंग दाल चीला, बेसन चीला, पोहा, या स्प्राउट्स जैसे हेल्दी फूड ऑप्शन्स को शामिल करें. इससे आपके शरीर को बैलेंस तरीके से पोषक तत्व मिलेंगे.
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