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नालंदा में 50 मेधावी छात्रों के लिए विशेष व्यवस्था:शिक्षा गुणवत्ता सुधार की दिशा में बड़ा कदम; डिजिटल लर्निंग-सेंटर ऑफ एक्सीलेंस विकसित करने के निर्देश

नालंदा में शिक्षा व्यवस्था को नई ऊंचाई देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। जिला पदाधिकारी कुंदन कुमार ने शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और डिजिटल लर्निंग को मजबूत करने के लिए व्यापक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। बोर्ड परीक्षा के लिए विशेष तैयारी मैट्रिक और इंटरमीडिएट परीक्षा 2026 में बेहतर प्रदर्शन सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन ने एक अभिनव योजना तैयार की है। इसके तहत सभी छात्र-छात्राओं के लिए ऑनलाइन क्रैश कोर्स का आयोजन किया जाएगा। इस वर्ष की सेंटअप परीक्षा के आधार पर प्रत्येक उच्च माध्यमिक विद्यालय से शीर्ष 20 विद्यार्थियों का चयन कर उनके बीच ओमर सहित टेस्ट सीरीज आयोजित की जाएगी। पूरे जिले से चयनित शीर्ष 50 मेधावी छात्रों के लिए अलग से ट्यूटोरियल, ऑनलाइन क्लासेस और रेजिडेंशियल कोचिंग की विशेष व्यवस्था की जाएगी। इन प्रतिभावान विद्यार्थियों के लिए एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया जाएगा, जिसमें योग्य शिक्षकों को जोड़ा जाएगा। इस महत्वाकांक्षी योजना के क्रियान्वयन में बीपीएससी TRE-1/2/3 से चयनित श्रेष्ठ शिक्षकों को लगाया जाएगा। पूर्णिया मॉडल की सफलता को दोहराने की कोशिश जिला पदाधिकारी ने इस योजना को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए पूर्णिया स्मार्ट क्लासेस की टीम से संपर्क करने का निर्देश दिया है। पूर्णिया जिले में इसी प्रकार की पहल को सफलतापूर्वक शुरू कराया था, जो वर्तमान में भी जारी है। उन्होंने वर्ष 2017 में शुरू की गई ‘उन्नयन बांका’ परियोजना का भी उल्लेख किया, जो बाद में ‘उन्नयन बिहार’ के रूप में पूरे राज्य में विस्तारित हुई। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना शिक्षा की गुणवत्ता में व्यापक सुधार के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि प्रत्येक प्रखंड से पांच श्रेष्ठ विद्यालयों को ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ के रूप में विकसित किया जाए। इन विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, बेहतर आधारभूत संरचना और सुसज्जित स्मार्ट क्लास तथा प्रयोगशाला की व्यवस्था होगी। जिला पदाधिकारी ने कहा कि नालंदा ज्ञान की धरती है और यहां इस महत्वाकांक्षी योजना को सफलतापूर्वक क्रियान्वित किया जा सकता है। उन्होंने सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में चिन्हित विद्यालयों के विकास के लिए रिसोर्स मैपिंग पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया। विशेष तौर पर रोडसाइड स्थित विद्यालयों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित करने पर जोर दिया गया है, जिसमें प्रारंभिक और माध्यमिक विद्यालय दोनों शामिल होंगे। आगामी नववर्ष 2026 से इस योजना को प्रारंभ करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रतियोगिताओं और गैप एनालिसिस का प्रावधान इन विद्यालयों के बीच क्विज, खेलकूद और सांस्कृतिक कार्यक्रम जैसी प्रतियोगिताओं का नियमित आयोजन किया जाएगा। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में चिन्हित विद्यालयों के वर्ग-कक्ष, प्रांगण, खेल मैदान और शौचालय आदि का वर्तमान फोटो और वीडियो लेकर उसमें आवश्यक सुधार के बाद परिवर्तित स्थिति का दस्तावेजीकरण किया जाएगा। इससे गैप एनालिसिस में मदद मिलेगी और अन्य विद्यालय भी प्रेरित होंगे। पहले से जारी स्मार्ट क्लासेस वर्तमान में पूरे जिले के सभी 283 उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों के लिए ‘नालंदा स्मार्ट लाइव क्लासेस’ का आयोजन प्रतिदिन किया जा रहा है।


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