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नालंदा में राष्ट्रीय महिला आयोग की जनसुनवाई:28 मामलों की हुई सुनवाई, 8 केस हुए बंद; ‘तेरे मेरे सपने’ शादी से पहले परामर्श की नई पहल

राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा आयोजित ‘आयोग आपके द्वार’ कार्यक्रम के तहत गुरुवार को टाउन हॉल में एक महत्वपूर्ण जनसुनवाई का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य ममता कुमारी ने स्वयं उपस्थित रहकर महिलाओं की समस्याओं को सुना और उनके समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाए। जनसुनवाई के दौरान कुल 28 मामलों की सुनवाई हुई, जिसमें 27 पुराने केस और एक नया केस शामिल था। आयोग सदस्य ममता कुमारी ने बताया कि प्रत्येक मामले की विस्तृत सुनवाई की गई, जिसमें पुलिस और पीड़ित महिला दोनों के पक्ष को सुना गया। इनमें से लगभग आठ मामलों का निस्तारण कर दिया गया, जबकि शेष मामलों के लिए संबंधित अधिकारियों को पांच दिन के भीतर रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया गया। कार्यक्रम में डीपीओ आईसीडीएस अर्चना कुमारी, मुख्यालय डीएसपी तारकेश्वर सिंह, सीएस डॉ. संजय कुमार सिंह और डीएस डॉ. राजीव रंजन सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। आयोग आपके द्वार: गरीब महिलाओं के लिए राहत ममता कुमारी ने इस पहल के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि आयोग का उद्देश्य महिलाओं को दिल्ली बुलाने के बजाय उनके दरवाजे पर न्याय पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि गरीब महिलाएं जो रोजाना काम करके अपना गुजारा करती हैं, उनके लिए दिल्ली आना संभव नहीं होता। इसलिए आयोग प्रत्येक जिले में विशेष जनसुनवाई का आयोजन करती है। ‘तेरे मेरे सपने’: विवाह पूर्व परामर्श की नई पहल आयोग सदस्य ने ‘तेरे मेरे सपने’ नामक एक नए कार्यक्रम की जानकारी दी, जो विवाह पूर्व परामर्श पर केंद्रित है। इस योजना के तहत देश के सभी जिलों में विशेष केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जहां विवाह से पहले युगलों की काउंसलिंग की जाएगी। इसका उद्देश्य धोखाधड़ी से होने वाली शादियों को रोकना और वैवाहिक जीवन की बेहतर समझ विकसित करना है। ममता कुमारी ने बताया कि जिला के एसपी ने इस केंद्र को जल्द शुरू करने का आश्वासन दिया है। जेल और जीविका समूहों का भी किया दौरा आयोग सदस्य ने अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान जिला जेल का भी दौरा किया और वहां बंद महिलाओं की स्थिति का जायजा लिया। इसके अलावा, उन्होंने जीविका समूह की महिलाओं से मुलाकात की और उन्हें नेतृत्व क्षमता विकसित करने, स्वावलंबी और सशक्त बनने के लिए प्रेरित किया। 33% आरक्षण: महिला सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर ममता कुमारी ने विधानसभा और संसद में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण के बिल का उल्लेख करते हुए कहा कि यह प्रधानमंत्री और आयोग का सपना है कि महिलाएं सशक्त बनें और अपने अधिकारों को हासिल करें। ऐतिहासिक धरती से लेकर जा रही हैं सीख अपने संबोधन के समापन पर आयोग सदस्य ने नालंदा की ऐतिहासिक महत्ता का उल्लेख किया और कहा कि यह पुण्य भूमि हमेशा से ज्ञान और शिक्षा का केंद्र रही है। उन्होंने बताया कि इससे पहले वे गया में आचार्य कुल और विनोबा भावे के कार्यक्रम में भी शामिल हुईं, जहां 15 देशों से विद्वान आए थे।


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