नालंदा जिले के बेन थाना क्षेत्र में 19 नवंबर को हुई मारपीट-फायरिंग की घटना के 38 दिन बीत जाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। आक्रोशित पीड़ित परिवार ने शनिवार को जिला मुख्यालय बिहार शरीफ के हरदेव चौक पर एकदिवसीय धरना-प्रदर्शन किया। सामाजिक संगठनों के समर्थन से आयोजित इस धरने में परिवार ने पुलिस की लापरवाही और न्याय में देरी के खिलाफ आवाज उठाई। बड़ी आंट गांव निवासी टूशन रविदास के परिवार के साथ हुई मारपीट में कुल 9 लोगों को नामजद किया गया है, जबकि आधा दर्जन अज्ञात लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज है। प्राथमिकी के अनुसार घटना वाले दिन टूशन अपने दोस्त रोहित कुमार, सुनील रविदास, उमा रविदास और वीरेंद्र कुमार के साथ घर जा रहे थे। गांव के ही चंदन कुमार, बृजेश कुमार और झुन्नु महतो बाइक पर आ रहे थे। उन्होंने पैदल जा रहे टूशन और उसके साथियों से कहा कि साइड से क्यों नहीं चल रहे हो। इसी मामूली बात पर विवाद शुरू हुआ, जो गाली-गलौज और मारपीट में बदल गया। घर पर चढ़कर मारपीट का आरोप जान बचाकर घर पहुंचे टूशन रविदास के परिवार को राहत नहीं मिली। कुछ ही देर बाद चंदन कुमार, बृजेश कुमार, झुन्नु महतो, ऋतिक कुमार, सचिन कुमार, रौनक कुमार, रोशन कुमार, शुभम कुमार सहित 5-6 अन्य लोग लाठी-डंडा, लोहे के रॉड और हथियार लेकर पहुंच गए। भाई मुकेश कुमार के सिर पर लोहे की रॉड और पिस्टल के बट से हमला कर दिया। उनका सिर फट गया, खून बहने लगा। टूशन रविदास और उनके पिता अरविंद रविदास को बृजेश कुमार ने लाठी-डंडे से इतना पीटा कि दोनों बुरी तरह घायल हो गए। मां सविता देवी को भी धक्का देकर गिरा दिया, जिससे वह भी जख्मी हो गईं। पीड़ित परिवार की मांगे धरने में शामिल पीड़ित परिवार ने बताया कि एक महीने से अधिक समय बीत जाने के बावजूद न तो आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है और न ही एससी-एसटी एक्ट के प्रावधानों के अनुसार आर्थिक सहायता मिली है। लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाए। पुलिस कार्रवाई कर रही है बेन थानाध्यक्ष रविराज ने कहा कि दो पक्षों के बीच मारपीट का मामला है। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। एक पक्ष का आरोपी फरार है, जिसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है। कोर्ट से कुर्की वारंट लेने की प्रक्रिया भी जारी है।
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