प्राचीन नालंदा की धरती एक बार फिर भगवान बुद्ध की शिक्षाओं की गूंज से गुंजायमान होने जा रही है। आज यहां से 12वीं ऐतिहासिक ‘जेठियन-राजगीर धम्म यात्रा’ का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें दुनियाभर से आए हजारों बौद्ध धर्मानुयायी शामिल होंगे। विश्व स्तरीय आध्यात्मिक समागम 15 किलोमीटर की इस पवित्र यात्रा में अमेरिका, नेपाल, बांग्लादेश, थाईलैंड, म्यांमार, लाओस, वियतनाम, कंबोडिया और श्रीलंका समेत दर्जनों देशों से हजारों की संख्या में बौद्ध भिक्षु, भिक्षुणियां तथा उपासक-उपासिकाएं सहभागिता करेंगे। यह यात्रा अब महज एक धार्मिक आयोजन नहीं रह गई है, बल्कि एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय आध्यात्मिक समागम का रूप ले चुकी है। नव नालंदा महाविहार के कुलपति प्रो. सिद्धार्थ सिंह ने बताया कि यह धम्म यात्रा भगवान बुद्ध की शिक्षाओं को जीवन में उतारने और ग्रहण करने का सशक्त माध्यम है। यह हमें अपने गौरवशाली इतिहास और आध्यात्मिक विरासत से जुड़ने का अवसर प्रदान करती है। बारह साल से हो रहा आयोजन लगातार 12 साल से नव नालंदा महाविहार इस यात्रा का सफल आयोजन कर रहा है। इसमें लाइट ऑफ बुद्ध धर्मा फाउंडेशन इंटरनेशनल, बोधगया मंदिर प्रबंधन समिति, इंटरनेशनल बुद्धिस्ट कॉन्फेडरेशन, बिहार पर्यटन और गया, नालंदा जिला प्रशासन का महत्वपूर्ण सहयोग रहता है। कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि इस वर्ष की यात्रा को भव्य और सार्थक रूप देने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। नालंदा जिला प्रशासन, वन विभाग, पुलिस विभाग, स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम सहित सभी सहयोगी विभागों से भरपूर सहयोग मिल रहा है। प्राचीन ज्ञान-परंपरा को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का संकल्प प्रो. सिंह ने कहा कि महाविहार इस पवित्र आयोजन के माध्यम से प्राचीन नालंदा की ज्ञान-परंपरा और सांस्कृतिक विरासत को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने नालंदा वासियों से अपील करते हुए कहा कि वे इस पवित्र धम्म यात्रा में अधिक से अधिक संख्या में भाग लेकर इसे सफल बनाएं।
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