सहरसा के प्रसिद्ध रक्त काली चौसठ महायोगिनी मेले के संचालन के लिए टेंडर प्रक्रिया गुरुवार शाम पूरी हो गई। जिला उप विकास आयुक्त संजय कुमार निराला की अध्यक्षता में आयोजित इस प्रक्रिया में मेले का टेंडर फाइनल किया गया। इसमें नालंदा जिले के नागेंद्र कुमार ने 96 लाख 51 हजार रुपये की सर्वाधिक बोली लगाकर टेंडर हासिल किया। टेंडर प्रक्रिया में 45 लाख रुपये लगी प्रारंभिक बोली टेंडर प्रक्रिया 45 लाख रुपये की प्रारंभिक बोली से शुरू हुई थी। संवेदकों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिली, जिसके बाद बोली लगातार बढ़ती गई। अंततः यह टेंडर 96.51 लाख रुपये पर तय हुआ। यह पूरी प्रक्रिया प्रशासनिक अधिकारियों की निगरानी में पारदर्शी तरीके से संपन्न हुई। कोसी क्षेत्र के श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आस्था का केंद्र इस वर्ष रक्त काली चौसठ महायोगिनी मेले का आयोजन 21 दिसंबर से 24 जनवरी तक किया जाएगा। लगभग एक महीने तक चलने वाला यह मेला सहरसा ही नहीं, बल्कि पूरे कोसी क्षेत्र के श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आस्था और मनोरंजन का प्रमुख केंद्र है। प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए यहां आते हैं। सुनामी झूला मेले में आकर्षक का रहेगा केंद्र इस बार मेले में कई नए और आकर्षक आयोजन होंगे। इनमें पहली बार सुनामी झूला लगाया जाएगा, जो युवाओं और बच्चों के लिए रोमांच का नया अनुभव प्रदान करेगा। इसके अतिरिक्त, वैष्णो देवी गुफा की भव्य झांकी भी मेले का मुख्य आकर्षण होगी, जहाँ श्रद्धालु माता वैष्णो देवी की गुफा का अनुभव कर सकेंगे। प्रशासन ने मेले में सुरक्षा, साफ-सफाई, यातायात और विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए विशेष तैयारियां करने के निर्देश दिए हैं। इसका उद्देश्य श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा से बचाना है। टेंडर फाइनल होने के बाद अब मेले की तैयारियों में तेजी आने की उम्मीद है। रक्त काली चौसठ महायोगिनी मेला सहरसा की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है। इस वर्ष नए आकर्षणों के साथ यह मेला और भी भव्य होने की उम्मीद है।
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