बिहार स्कूल परीक्षा समिति ने आने वाले मैट्रिक परीक्षा 2026 में शामिल होने वाले दृष्टिबाधित विद्यार्थियों के लिए विशेष व्यवस्था सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य के 35 जिलों से कुल 425 दृष्टिबाधित छात्र-छात्राएं इस परीक्षा में सम्मिलित होंगे, जिनके लिए परीक्षा केंद्रों पर विशेष प्रबंध किए जाएंगे। परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया कि छात्रों की ओर से कराए गए पंजीयन से यह जानकारी मिली है। इसके सत्यापन के लिए परीक्षा नियंत्रक ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र जारी कर भौतिक सत्यापन का निर्देश दिया है। जिलेवार आंकड़े और तैयारियां राजधानी पटना में सर्वाधिक 32 दृष्टिबाधित विद्यार्थी परीक्षा देंगे, जबकि कटिहार में सबसे कम केवल एक विद्यार्थी इस श्रेणी में है। नालंदा से 19 विद्यार्थी परीक्षा में बैठेंगे। पूर्वी चंपारण से 21, बेगूसराय से 22, तो दरभंगा और समस्तीपुर से 18-18 विद्यार्थी शामिल होंगे। गया, मधुबनी और गोपालगंज से 15-15, भोजपुर और औरंगाबाद से 16-16, व मुजफ्फरपुर, सारण और वैशाली से 17-17 दृष्टिबाधित छात्र परीक्षा देंगे। अन्य जिलों में भी इन विद्यार्थियों की संख्या अलग-अलग है। परीक्षा में विशेष प्रावधान दृष्टिबाधित विद्यार्थियों को परीक्षा में कुछ विषयों में छूट दी गई है। उन्हें विज्ञान के स्थान पर संगीत और गणित की जगह गृह विज्ञान की परीक्षा देने का विकल्प मिलेगा। इन छात्रों के प्रवेश पत्र पर ‘विशेष कोटि’ का स्पष्ट उल्लेख किया जाएगा। परीक्षा समिति ने डीईओ को निर्देश दिया है कि वे प्रत्येक छात्र का भौतिक सत्यापन करें और यह सुनिश्चित करें कि वे वास्तव में दोनों आंखों से देखने में असमर्थ हैं। सत्यापन रिपोर्ट में यदि छात्र सचमुच दृष्टिबाधित है तो ‘यस’ और अन्यथा स्थिति में ‘नो’ अंकित करना होगा। यह रिपोर्ट शीघ्र ही समिति को भेजनी होगी। साल 2025 की मैट्रिक परीक्षा में राज्यभर के 533 दृष्टिबाधित विद्यार्थी शामिल हुए थे, जिनमें नालंदा के नौ छात्र थे। इस वर्ष की तुलना में 2026 में इनकी संख्या में कमी आई है, लेकिन नालंदा में इनकी संख्या बढ़कर दोगुनी से अधिक हो गई है।
https://ift.tt/PWxpMgN
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply