अरवल में युवाओं के बीच चरस और स्मैक जैसे सूखे नशे का सेवन लगातार बढ़ रहा है। बिहार में शराबबंदी के बाद से सूखे नशे के आदी लोगों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है, जिसके कारण जिले में चोरी की घटनाओं में भी इजाफा हुआ है। इस स्थिति से निपटने के लिए पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर स्थानीय थानों द्वारा नशा करने वाले युवाओं के परिजनों को बुलाकर कई बार काउंसलिंग की जा चुकी है। स्मैक और चरस की बड़ी खेप बरामद इसका उद्देश्य युवाओं को नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित करना है। अरवल पुलिस ने कई बार स्मैक और चरस की बड़ी खेप बरामद करने में भी सफलता हासिल की है। हाल ही में किंजर पुलिस ने 3.5 लाख रुपये से अधिक मूल्य का नशीला पदार्थ जब्त किया था। अरवल पुलिस नशे के कारोबारियों और सेवन करने वालों के खिलाफ लगातार कड़ी कार्रवाई कर रही है। सूचना मिलने पर स्थानीय थाना प्रभारी उन स्थानों पर पहुंचते हैं जहां नशे का सेवन किया जा रहा होता है और आवश्यक कार्रवाई करते हैं। अरवल जिले के आसपास औरंगाबाद और जहानाबाद जैसे जिले होने के कारण कई सफेदपोश लोग भी बहुत चालाकी से स्मैक का अवैध कारोबार करते हैं, जिससे इस समस्या पर नियंत्रण पाना और भी चुनौतीपूर्ण हो जाता है।
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