नवादा के सोभिया मंदिर के पास बना सार्वजनिक शौचालय लाखों रुपए खर्च होने के बावजूद पिछले चार महीने से बंद पड़ा है। विधायक निधि से 12 लाख 22 हजार 130 रुपए की लागत से निर्मित यह शौचालय आम लोगों के लिए अनुपयोगी साबित हो रहा है। मंदिर परिसर में लगन के मौसम में उमड़ने वाली भीड़, खासकर महिलाएं और बच्चे, इससे भारी परेशानी झेल रहे हैं। शौचालय के महिला और पुरुष दोनों हिस्सों पर मोटा ताला लगा हुआ है, और बाहर कपड़े सुखाने की रस्सी बंधी देखी जा सकती है। सफाई कर्मचारी या चौकीदार मौजूद नहीं नवादा नगर परिषद के वार्ड नंबर 38 में स्वच्छ भारत मिशन के तहत निर्मित इस शौचालय का उद्घाटन तो कर दिया गया, लेकिन इसकी चाबी कभी आम लोगों तक नहीं पहुंची। स्थानीय लोगों के अनुसार, यह सुबह से शाम तक बंद रहता है और यहां कोई सफाई कर्मचारी या चौकीदार मौजूद नहीं होता। झाड़ियों में शौच के लिए जाना पड़ रहा शौचालय के सामने बने चबूतरे पर लोग कपड़े सुखा रहे हैं, जबकि मंदिर आने वाले श्रद्धालु और शादी-विवाह के लिए मुहूर्त देखने आने वाले लोगों को खुले में या दूर झाड़ियों में शौच के लिए जाना पड़ रहा है। एक स्थानीय महिला ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि लगन में दूर-दराज से आने वाले छोटे बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं सभी परेशान हैं। नगर परिषद के व्यवस्था से जनता नाराज पास में चाय की दुकान चलाने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि वे लोग आवाज उठाते-उठाते थक गए हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती। नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी से लेकर वार्ड पार्षद तक कोई जवाब नहीं दे रहा है, और जिला प्रशासन भी इस मामले पर खामोश है। यह नवादा में अकेला मामला नहीं है; जिले के कई हिस्सों में सार्वजनिक शौचालय या तो बंद पड़े हैं या उनका दुरुपयोग हो रहा है। जनता का गुस्सा बढ़ता जा रहा है और उनका सीधा सवाल है कि जब पैसा जनता का लगा है, तो सुविधा उन्हें क्यों नहीं मिल रही।
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