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नल-जल योजना पर 71 करोड़ की राशि खर्च, अब भी 5 हजार घरों में कनेक्शन नहीं

भास्कर न्यूज | किशनगंज/ठाकुरगंज सरकार की महत्वाकांक्षी योजना हर घर नल जल की स्थिति जिले में ठीक नहीं है। योजना के तहत जिले में अब तक सभी घरों तक पानी का कनेक्शन भी नहीं पहुंचा है, जहां पहुंचा भी है, वहां सप्लाई बाधित है। यह स्थिति तब है जब यहां के भूजल में अत्यधिक आयरन के अलावा आर्सेनिक और लेड की मात्रा भी पाई गई है। इससे ही निजात के लिए नल जल योजना को महत्वपूर्ण माना जा रहा है, लेकिन इसके क्रियान्वयन में भी उदासीनता बरती जा रही है। ठाकुरगंज नगर पंचायत में तो इस योजना को देखने वाला कोई नहीं है, जबकि वर्ष 2024 के जुलाई से वर्ष 2025 के दिसम्बर तक जल नल योजना का संचालन विभागीय स्तर से किया जा रहा। नगर के वार्ड 12 नंबर निवासी सुधा देवी नल को दिखाते हुए कहती हैं विगत छह माह से जलापूर्ति बाधित है, जबकि उससे पूर्व जलापूर्ति की जाती थी। इसी वार्ड के अरबिंद कुमार, रंजीत झा, सत्यनारायण का कहना है कि कभी अपने आप जलापूर्ति हो जाती है तो कभी सप्ताह तक जलापूर्ति नहीं हो पाती है। ठाकुरगंज में जल-नल योजना द्वारा नगर के प्रत्येक घरों में शुद्ध जल पहुंचाने के लिए पाइप बिछाने, नल लगाने, उपकरण इंस्टाल का कार्य वर्ष 2021 में ही आरंभ किया गया था। नगर पंचायत के सभी वार्डो में 12 जलमीनार स्थापित किया गया। इसके बाद जलापूर्ति के कार्य की ठेकेदारों द्वारा देखरेख की जाती थी, लेकिन घरों के नलों से जल नहीं मिलने की शिकायत मिलने के बाद वर्ष 2023 के जुलाई में जल-नल मरम्मतीकरण कार्य की निविदा निकाली गई। एक जुलाई से 30 जून 2024 तक ठेकेदार के द्वारा जलापूर्ति का कार्य देखा जाता रहा, जिस पर प्रत्येक माह तीन लाख 78 हजार रूपये खर्च आता था। एक जुलाई से अब विभागीय स्तर से ही जलापूर्ति का कार्य हो रहा है। मात्र 22 हजार घरों में कनेक्शन, अब घर बढ़े ^अब तक दो फेज में नगर परिषद क्षेत्र में लगभग 22 हजार घरों में कनेक्शन दिया जा चुका है। सात वर्षों में कई नए घर बने। अब नगर में कुल घरों की संख्या लगभग 27 हजार के आसपास है, जहां अब कनेक्शन दिया जाएगा। लीकेज की समस्या प्रतिदिन कहीं न कहीं होती है। सत्यप्रकाश, सहायक अभियंता। किशनगंज नगर परिषद क्षेत्र में शुद्ध पेयजल आम नागरिकों को मयस्सर नहीं हो पा रहा है। वर्ष 2018 में नगर के 34 वार्डों में नल का पाइप बिछाया गया। प्रथम फेज में 26 करोड़ एवं दूसरे फेज में 45 करोड़ राशि इस योजना में खर्च किये गए, लेकिन सात वर्ष बीतने के बाद भी हर घर नल का जल नहीं पहुंच पाया है। जहां जल की आपूर्ति होती है, वहां भी लीकेज की समस्या इसमे बाधक बनी हुई है। हालांकि विभाग दावा करती है कि शहर में 11 टंकी की बने हुए हैं, जिसमे से 10 टंकी से पानी आपूर्ति की जा रही है, लेकिन सच्चाई इससे इतर है। आज भी कई वार्डों में योजना फ्लॉप है।


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