DniNews.Live

Fast. Fresh. Sharp. Relevant News

नयागांव सतखुट्टी में स्वर्ण देवी मंदिर आस्था का केंद्र बना:गंगा कटाव के बावजूद मंदिर सुरक्षित, हर साल चमत्कारी प्रतिमा बनती है

खगड़िया जिले के नयागांव सतखुट्टी में स्थित स्वर्ण देवी मंदिर आस्था का केंद्र है। श्रद्धालुओं का मानना है कि यहां मां दुर्गा स्वयं मिट्टी से प्रकट हुई थीं और आज भी भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करती हैं। मां दुर्गा के स्वप्न दर्शन के बाद 18वीं सदी में हुआ मंदिर निर्माण मंदिर के इतिहास के अनुसार, 18वीं सदी के दूसरे दशक में सप्तमी वंश के मेहरबान सिंह को स्वप्न में मां स्वर्ण देवी ने दर्शन दिए और मंदिर स्थापित करने का आदेश दिया था। इसके बाद सतखुट्टी टोले में मंदिर की नींव रखी गई। गंगा नदी के कटाव के बावजूद मंदिर सुरक्षित समय के साथ गंगा नदी के कटाव ने पूरे सतखुट्टी टोले को अपनी चपेट में ले लिया था। हालांकि, यह मान्यता है कि गंगा का बहाव मंदिर तक आकर लौट गया, जिससे मंदिर सुरक्षित रहा। आज भी उस स्थान पर मौजूद टीला देवी की दिव्यता का प्रमाण माना जाता है। प्रतिमा स्वर्णकार परिवार बनाती है यहां मां दुर्गा की प्रतिमा किसी प्रशिक्षित मूर्तिकार द्वारा नहीं, बल्कि गांव के स्वर्णकार परिवार के हाथों बनाई जाती है। ग्रामीण शैलेंद्र कुमार शैलेश और गौतम राय के अनुसार, देवी ने कार्तिक स्वर्णकार को स्वप्न में निर्देश दिया था कि ‘तू बस मिट्टी रखता जा, प्रतिमा खुद बन जाएगी।’ तभी से हर वर्ष बिना किसी औपचारिक प्रशिक्षण के चतुर्भुजी मां दुर्गा की प्रतिमा गढ़ी जाती है, जिसे भक्त एक चमत्कार मानते हैं। 1979 में पुराने मंदिर की मिट्टी से नया भव्य मंदिर बनाया गया वर्ष 1979 में पुराने मंदिर की पवित्र मिट्टी को एकत्र कर वर्तमान स्थल पर एक भव्य मंदिर का निर्माण कराया गया। तब से यहां नवरात्र के दौरान विशेष आयोजन होते हैं। नवरात्र के पहले दिन गाजे-बाजे के साथ कलश यात्रा निकाली जाती है, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालु गंगाजल लेकर मंदिर पहुंचते हैं। अष्टमी के दिन भक्त सीढ़ी घाट से दंड प्रणाम करते हुए मां के दरबार में हाजिरी लगाते हैं। भक्तजन मां को सोने के आभूषण चढ़ाते हैं मंदिर को ‘स्वर्ण देवी’ नाम मिलने के पीछे भी आस्था की कहानी है। स्थानीय ग्रामीण बिक्रम कुमार, मिथलेश कुमार, सर्वोत्तम, राकेश कुमार, अनिल चंद्र मंडल ने कहा कि भक्तजन मां को सोने के आभूषण चढ़ाते हैं, जो आज भी परंपरा के रूप में जारी है। नवरात्र में बलि की परंपरा निभाई जाती है नवरात्र में सैकड़ों महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं, कन्या पूजन होता है और बलि की परंपरा भी निभाई जाती है। श्रद्धालुओं का कहना है कि मां की कृपा से गांव में शोक के बीच भी शुभ कार्य संपन्न हो जाते हैं। देश-विदेश में बसे लोग भी दुर्गा पूजा पर अपने गांव लौटते हैं। सच कहा जाए तो स्वर्ण देवी मंदिर नयागांव में आस्था ही नहीं, संस्कृति और विश्वास की अखंड ज्योति जल रही है, जहां रोज हजारों भक्त माथा टेकने पहुंचते हैं।


https://ift.tt/vI5Bjns

🔗 Source:

Visit Original Article

📰 Curated by:

DNI News Live

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *