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नक्सल प्रभावित चानन में 10 हजार को कंबल बांटा:बढ़ती ठंड के बीच जरूरतमंदों को मिला सहारा, हर साल जारी रहेगा सेवा कार्य

लखीसराय में लगातार बढ़ रही ठंड के बीच असहाय और जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए समाजसेवी और जनप्रतिनिधि आगे आने लगे हैं। इसी क्रम में नक्सल प्रभावित चानन प्रखंड के जानकीडीह–बेलदरिया गांव में भारतीय जनता पार्टी के नेता शक्लदेव बिंद की ओर से बड़े पैमाने पर कंबल वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के तहत करीब 10 हजार जरूरतमंद लोगों के बीच कंबल का वितरण किया गया, जबकि गरीब और जरूरतमंद बच्चों को ठंड से बचाव के लिए ऊनी कपड़े भी दिए गए। आदिवासी और महादलित परिवारों को मिली राहत कंबल वितरण कार्यक्रम में नक्सल प्रभावित क्षेत्र के आदिवासी समुदाय, महादलित समाज और अन्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए। कंबल पाकर लोगों के चेहरे पर राहत और खुशी साफ झलक रही थी। ग्रामीणों का कहना था कि कड़ाके की ठंड में इस तरह की मदद उनके लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है। स्थानीय लोगों ने बताया कि इस इलाके में आज भी गरीबी, बेरोजगारी और बुनियादी सुविधाओं की कमी एक बड़ी समस्या है। ऐसे में ठंड के मौसम में कंबल और ऊनी कपड़े मिलना उनके लिए काफी उपयोगी साबित होता है। पिछड़ा क्षेत्र, कमजोर आर्थिक स्थिति इस मौके पर भाजपा नेता शक्लदेव बिंद ने कहा कि ठंड का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है और चानन प्रखंड का यह इलाका आज भी काफी पिछड़ा हुआ है। यहां रहने वाले अधिकतर लोग मजदूरी और छोटे-मोटे कामों पर निर्भर हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर बनी रहती है। उन्होंने कहा कि ऐसे हालात में ठंड के मौसम में कंबल और ऊनी कपड़े गरीब परिवारों के लिए बेहद जरूरी हो जाते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए यह वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया है। हर साल जारी रहेगा सेवा कार्य शक्लदेव बिंद ने बताया कि वे पिछले कई वर्षों से हर साल ठंड के मौसम में असहाय, गरीब और जरूरतमंद लोगों के बीच कंबल वितरण का कार्य करते आ रहे हैं और आगे भी यह सेवा लगातार जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि समाज के कमजोर वर्गों की मदद करना हर सक्षम व्यक्ति का दायित्व है। सामाजिक संगठनों ने की सराहना कार्यक्रम के दौरान सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्थानीय ग्रामीणों ने इस पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रयासों से जरूरतमंदों को तात्कालिक राहत मिलती है, साथ ही समाज में सहयोग, संवेदनशीलता और आपसी भाईचारे की भावना भी मजबूत होती है। ग्रामीणों ने उम्मीद जताई कि प्रशासन और अन्य सामाजिक संगठन भी आगे आकर ठंड से बचाव के लिए इसी तरह के कार्यक्रम आयोजित करेंगे, ताकि कोई भी जरूरतमंद ठंड में असहाय न रहे।


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