दिल्ली कैबिनेट ने गुरुवार को बड़ा फैसला लेते हुए मौजूदा 11 जिलों को 13 नए जिलों में बदलने का प्रस्ताव पास कर दिया है। ये नए जिले एमसीडी के 12 जोन, न्यू दिल्ली म्युनिसिपल काउंसिल (एनडीएमसी) और दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड के साथ पूरी तरह मेल खाएंगे। इससे सरकारी काम आसान और तेज होंगे। इस बदलाव से उपमंडल (एसडीएम) कार्यालयों की संख्या 33 से बढ़कर 39 हो जाएगी। हर जिले में मिनी सेक्रेटेरिएट बनेगा, जहां ज्यादातर सरकारी सेवाएं एक ही जगह मिलेंगी। सीएम रेखा गुप्ता ने पहले ही इसकी घोषणा कर चुकी हैं। पहले दिल्ली में 11 राजस्व जिले थे- सेंट्रल, ईस्ट, न्यू दिल्ली, नॉर्थ, नॉर्थ ईस्ट, नॉर्थ वेस्ट, शाहदरा, साउथ, साउथ ईस्ट, साउथ वेस्ट और वेस्ट। लेकिन एमसीडी के 12 जोन और एनडीएमसी-कैंटोनमेंट के अलग इलाके होने से जगहों पर भ्रम और झगड़े होते थे। 2012 में आखिरी बार साउथ-ईस्ट और शाहदरा जिले बने थे। नए जिले एमसीडी जोन जैसे होंगे अब नए जिलों के नाम एमसीडी जोन जैसे होंगे। सदार जोन को पुरानी दिल्ली जिला नाम दिया जाएगा। ईस्ट और नॉर्थ-ईस्ट जिले खत्म होकर शाहदरा नॉर्थ व साउथ बनेंगे। नॉर्थ जिले को सिविल लाइंस और पुरानी दिल्ली में बांटा जाएगा। साउथ-वेस्ट के बड़े हिस्से से नजफगढ़ नया जिला बनेगा। एनडीएमसी व कैंटोनमेंट को न्यू दिल्ली जिले में मिलाया जाएगा। इससे लोगों को एक से ज्यादा दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। काम जल्दी होगा, भीड़ कम होगी, पारदर्शिता बढ़ेगी। फैसला लेफ्टिनेंट गवर्नर विनय कुमार सक्सेना को भेजा जाएगा। एक बार मंजूरी मिलने पर नया नक्शा लागू हो जाएगा। भाजपा सरकार का मानना है कि इससे विभागों में तालमेल बेहतर होगा।
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