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‘धोनी ने कहा था, सबका टाइम आता है’:मो.इजहार बोले- क्रिकेटर नहीं इंजीनियर बनना था सपना, साकिब के खेलने के लिए मां ने गहने गिरवे रखे

IPL 2026 के ऑक्शन में बिहारी क्रिकेटर्स का जलवा रहा। गोपालगंज के तेज गेंदबाज साकिब हुसैन को सनराइजर्स हैदराबाद ने और सुपौल के मो.इजहार को मुंबई इंडियंस ने 30-30 लाख रुपए में खरीदा है। मो. इजहार इंजीनियर बनना चाहते थे। क्रिकेट में रुझान के बाद जब उनका सिलेक्शन CSK के नेट बॉलर के रूप में हुआ था, तो धोनी ने उन्हें सब्र रखने की सलाह दी और कहा था कि अपना काम करते रहो। ऊपर वाले पर विश्वास रखो, सब का टाइम आता है। साकिब हुसैन का सपना आर्मी में जाना था, लेकिन किस्मत उन्हें क्रिकेट की ओर ले आई। घर की अर्थक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण साकिब के क्रिकेट खेलने के लिए उनकी मां ने अपने गहने गिरवी रख दिए थे। यहां तक की साकिब टेनिस बॉल से क्रिकेट खेलते थे।दैनिक भास्कर ने IPL में चुने गए दोनों खिलाड़ियों से खास बातचीत की… बड़े प्लेयर्स के साथ ड्रेसिंग रूम शेयर करने का मिलेगा मौका मोहम्मद इजहार ने सिलेक्शन के बाद अपनी फीलिंग्स शेयर करते हुए कहा,’मुझे काफी अच्छा फील हो रहा है। मुंबई इंडियंस ने जब मुझे खरीदा तो वह एहसास मैं बात नहीं सकता हूं। बड़े प्लेयर्स के साथ ड्रेसिंग रूम शेयर करने का मौका मिलेगा। मैं वहां जाकर मैच खेलने का इंतजार कर रहा हूं। सुपौल के छातापुर प्रखंड अंतर्गत ठुठी गांव के रहने वाले मोहम्मद इजहार बाएं हाथ के तेज गेंदबाज हैं। वह कोसी क्रिकेट क्लब में क्रिकेट की प्रैक्टिस करते थे’। इंजीनियर बनना चाहते थे मोहम्मद इजहार इजहार ने बताया,’मुझे शुरू से क्रिकेट में इंटरेस्ट नहीं था, वह इंजीनियर बनना चाहते थे। 2013 में वह किशनगंज के एक स्कूल में पढ़ने जाते थे। वहां जब वे कुछ लड़कों को खेलते देखे तो क्रिकेट में उनका इंटरेस्ट जागा। फिर उन्होंने एंजॉयमेंट के लिए क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया’। ‘मगर कुछ परेशानी के कारण वह वापस अपने घर आ गए और वहीं से अपनी पढ़ाई कंटिन्यू की। एक दिन अपने घर के पास जयचंद और बीरबल को टेनिस बॉल से क्रिकेट खेलते हुए देखा। फिर मेरे मन में क्रिकेट के लिए प्रेम दोबारा जाग गया। इन्हीं दोनों ने मिलकर मुझे क्रिकेट में लाया। तब बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को मान्यता मिल गई थी’। क्रिकेट के लिए परिवार की नाराजगी और मार भी सहनी पड़ी ‘मैं एक नॉर्मल मिडिल क्लास फैमिली से आता हूं। मेरे पिता बीरपुर मस्जिद में इमामत करते थे। बाद में उन्होंने पढ़ाना शुरू कर दिया। सबके माता-पिता के जैसे मेरे भी पिता का सपना था कि मैं पढ़ लिखकर नाम कमाऊं। घरवाले चाहते थे कि मैं पढ़ाई पर ध्यान दूं, लेकिन मेरा मन मैदान में ही लगता था’। ‘कई बार परिवार की नाराजगी और मार भी सहनी पड़ी, फिर भी मैं बिना बताए क्रिकेट सीखने और खेलने जाता रहा। हम लोग जिस जगह से आते हैं, वहां क्रिकेट को लेकर इतना रुझान नहीं है। लोग यही कहते थे कि क्रिकेट में करियर नहीं है, शौक के लिए खेलो। मगर मेरे पिता ने सभी के बातों को नजर अंदाज करके मेरे सपनों को आगे बढ़ाने में मेरी मदद की। बाद में वही लोग मेरे लिए दुआ करने लगे, जो मेरे क्रिकेट खेलने पर बातें बनाते थे’। धोनी ने सब्र रखने की दी थी सलाह मोहम्मद इजहार का चयन इसी साल चेन्नई सुपर किंग्स के नेट बॉलर के रूप में हुआ था। उन्होंने अपना एक्सपीरियंस शेयर करते हुए कहा कि वहां कई बड़े-बड़े दिग्गज खिलाड़ियों से मुलाकात हुई। महेंद्र सिंह धोनी भी मिले, जिन्होंने मुझे सिखाया, समझाया और सलाह भी दी। धोनी ने कहा कि ‘सब्र रखो, अपना काम करते रहो। तुम्हारे पास टैलेंट है, बस लगे रहो। अगर लगे रहोगे तो हर एक चीज मिल जाएगी। ऊपर वाले पर विश्वास रखो, सब का टाइम आता है। उन्होंने सीधा कहा की प्रोसेस पर ध्यान दो, रिजल्ट की चिंता मत करो।’ अर्शदीप सिंह की बॉलिंग है काफी पसंद मोहम्मद इजहार मिशेल स्टार्क को अपना आइडल मानते हैं। ट्रेंट बोल्ट को फॉलो करते हैं और अर्शदीप सिंह की बॉलिंग काफी पसंद आती है। उन्होंने कहा कि अर्शदीप का दोनों तरफ का स्विंग, यॉर्कर काफी शानदार होता है। मुंबई इंडियंस के जसप्रीत बुमराह भी काफी कमाल के बॉलर है और अभी मैं वहां जाऊंगा, उनके साथ ड्रेसिंग रूम शेयर करूंगा, तो मुझे बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। आईपीएल में चुना जाना एक प्लेयर के लिए होता है सपना गोपालगंज सदर प्रखंड के दरगाह मोहल्ले के निवासी साकिब हुसैन ने कहा,’आईपीएल में चुना जाना एक प्लेयर के लिए इससे अच्छा कोई फील हो ही नहीं सकता है’। ‘मैं एक मिडिल क्लास फैमिली से आता हूं और मेरे जीवन में काफी संघर्ष रहे हैं। मेरे पिता किसान है और मेरी मां एक गृहणी है। घर में आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के बावजूद मेरे माता-पिता ने मेरी हर ख्वाहिश को पूरा किया है’। खेलने के लिए मां ने गिरवी रखे थे अपने गहने साकिब बताते हैं, ‘घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। मेरे पास गेंदबाजी करने के लिए खास जूते तक नहीं थे। तब खेलने के लिए मां ने अपने गहने गिरवी रखे थे। शुरुआती दिनों में मेरा सपना क्रिकेट नहीं, बल्कि आर्मी में जाने का था’। ‘शहर के मिंज स्टेडियम में मैं दौड़ने जाता था, जहां खिलाड़ियों को देखकर मेरा भी मन क्रिकेट खेलने की तमन्ना जागी।’ आसपास के लोग मुझे बोलते थे कि मैं नहीं कर पाऊंगा, मुझसे नहीं हो पाएगा। मगर लोग क्या बोलते हैं, क्या कहते हैं मुझे उससे कोई मतलब नहीं था, मैं अपना काम करता था’। टेनिस बॉल से क्रिकेट खेलते थे साकिब इंटर तक पढ़ाई करने के बाद साकिब ने क्रिकेट की दुनिया में कदम रखा और धीरे-धीरे आगे बढ़ते गए। शुरुआत में वह गांव में टेनिस बॉल से क्रिकेट खेलते थे। टुना गिरी अकैडमी में वह प्रैक्टिस करते थे। साकिब हुसैन ने अपने जर्नी के बारे में बताया,हर प्लेयर के जीवन में कुछ उतार-चढ़ाव आते हैं। जहां मुझे लगता था कि मैं नहीं कर पाऊंगा, वहां मेरे कोच और बड़े भाई समान प्लेयर मुझे हौसला देते थे। आज मैं जो भी हूं उन्हीं के वजह से हूं’। गोपालगंज के मिंज स्टेडियम में देवधारी गिरी टूर्नामेंट में उन्हें खेलने का मौका भी मिला। इसमें उनका बॉलिंग के लिए चयन हुआ। इसके बाद 2021 में पटना में होने वाले बिहार क्रिकेट लीग में शामिल हुए। फिर अंडर-19 खेलने चंडीगढ़ चले गए, जिसमें वह हाईएस्ट विकेट टेकर रहे। धोनी ने की थी साकिब की तारीफ साकिब दाएं हाथ के तेज गेंदबाज हैं। वह चेन्नई सुपर किंग्स के नेट बॉलर भी रह चुके हैं। इस दौरान उन्हें महेंद्र सिंह धोनी से मिलने का मौका मिला। साकिब ने अपनी बॉलिंग को लेकर धोनी से राय ली। इस पर धोनी ने कहा, ‘अच्छा हो रहा है, तुम में अच्छा टैलेंट है। बस मेहनत करते रहो, सिलेक्शन तुम्हारे हाथ में नहीं है।’ साकिब जसप्रीत बुमराह को अपना आइडल मानते हैं। साकिब हुसैन को IPL 2024 में टीम KKR ने 20 लाख रुपए में खरीदा था।


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