संयुक्त कृषि भवन, बाजार समिति, मथुरापुर में दो दिवसीय जिला स्तरीय किसान मेला सह उद्यान प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन विधायक अश्वमेघ देवी, जीप अध्यक्ष खुशबु कुमारी, एडीएम राजेश कुमार, एसडीएम दिलीप कुमार, डीएओ डॉ सुमीत सौरभ ने संयुक्त रूप से दीप जलाकर किया। इस दौरान विधायक ने कहा कि समस्तीपुर के किसान काफी प्रगतिशील है। इन्हें सही मार्गदर्शन एवं सही बीज उपलब्ध हो तो मेहनत कर फसल उगा सकते हैं। जिस क्षेत्र में जो फसल उगे उस क्षेत्र में उक्त फसल का की जानकारी दी जाए, ताकि किसान अच्छी पैदावार कर सके। जिला परिषद अध्यक्ष ने कहा कि किसान मेला का आयोजन प्रखंडों में भी की जाए, ताकि वहां के किसान इससे अधिक लाभान्वित हो और अपनी खेती को और उन्नत तरीके से कर सके। एडीएम आपदा ने संबोधित करते हुए कहा कि यहां के किसान काफी मेहनती है। बशर्ते इनको उगाई के फसल का बेचने के लिए बाजार उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा कि कई प्रकार की कंपनी ऑनलाइन सब्जी बेचती है, इसलिए उन कंपनी से संपर्क कर इनका फसल कंपनी तक पहुंचाया जाए। ऐसी व्यवस्था हो। इसके बाद किसान मन लगाकर सब्जी की खेती या अन्य प्रकार की खेती करेंगे। कार्यक्रम में जिले विभिन्न प्रखंडों से प्रगतिशील किसान के द्वारा अपने उत्कृष्ट उत्पाद का प्रदर्शनी भी लगाया गया। कृषि से संबंधित निजी कम्पनी द्वारा भी मेला में अपना-अपना स्टॉल लगाया गया। इस अवसर पर उद्यान प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया था। इसमें किसानों द्वारा उपजाए गए ब्रोकली, गोभी, कद्दू, केला, आलू, टमाटर, मिर्च, मशरूम सहित अन्य सब्जियां लगाया गया था। इसके अलावा विभिन्न कंपनियों के विभिन्न हाइब्रिड हाइब्रिड बीज एवं कीटनाशक दवा, खाद संबंधित स्टॉल भी लगाए गए थे। वहीं किसान द्वारा अपने हाथों से बनाए गए मोटे अनाज का आटा, मधु, अचार का भी स्टॉल लगाया गया था। दूसरे दिन किसानों को मेले में बेहतर प्रदर्शन करने वाले को पुरस्कार दिया जाना है। समस्तीपुर एसडीओ ने कहा कि यहां के किसान के लिए प्रशासन हर तरीके से तैयार रहता है, किसानों को चाहिए नई तकनीक एवं जैविक खेती पर जोड़ दे। जिला कृषि पदाधिकारी ने संबोधन करते हुए कहा कि इस मेला का मुख्य उद्देश्य सरकारी योजनाओं को किसानों तक पहुंचाएं एवं प्रखंडों के किसान सलाहकार आदि के द्वारा उन्हें उन्नत खेती की तरकीब की जानकारी देना है। मेला में सभी प्रकार की जानकारी के अलावा वैज्ञानिक खेती, जैविक खेती का भी प्रशिक्षण दिया जाता है। ताकि किसान कम खाद का प्रयोग कर अच्छी खेती कर सके। उन्होंने बताया कि अधिक खाद, उर्वरक उपयोग करने से मिट्टी खराब हो जाती है। इसलिए जैविक खेती पर किसान ध्यान दें। मिट्टी जांच के लिए भी हर प्रखंड स्तर पर इसकी जांच की व्यवस्था की जा रही है।
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