सुपौल के अनन्य उत्पाद न्यायाधीश प्रथम अभिषेक कुमार की अदालत ने शुक्रवार को पिपरा थाना कांड संख्या 40/19 (उत्पाद सत्रवाद संख्या 99/19) में महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए गम्हरपुर, त्रिवेणीगंज निवासी प्राथमिकी अभियुक्त मो. तईब को दोषी करार दिया। अदालत ने बिहार उत्पाद एवं मद्य निषेध अधिनियम 2016 की धारा 30(ए) के तहत उन्हें 5 वर्ष का कठोर कारावास और 1 लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। साथ ही जुर्माना जमा नहीं करने पर 6 महीने की अतिरिक्त साधारण कारावास का प्रावधान रखा गया है। मामला 17 फरवरी 2019 का है। उस दिन पिपरा पुलिस गश्ती के दौरान मिली गुप्त सूचना के आधार पर पिपरा बांध स्थित संजय मंडल के बगान पहुंची थी, जहां बोरे में बड़ी मात्रा में शराब छुपाकर रखे जाने की जानकारी मिली थी। पुलिस को देखकर एक व्यक्ति भागने लगा, जिसे पीछा कर पकड़ लिया गया। पूछताछ में उसने अपना नाम मो. तईब बताया और स्वीकार किया कि बगान में नेपाल से लाई गई देसी शराब जमा है तथा वहीं उसकी बिक्री भी की जाती है। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने मौके से 250.5 लीटर देसी शराब बरामद की थी। 20 मार्च 2021 को आरोप का गठन किया गिरफ्तारी के बाद मामले की अनुसंधान प्रक्रिया पूरी करते हुए पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया। न्यायालय ने 20 मार्च 2021 को आरोप का गठन किया। विशेष लोक अभियोजक धर्मेंद्र कामत की ओर से एसपी के मार्गदर्शन में कुल पांच गवाहों की गवाही कराई गई, जबकि बचाव पक्ष की ओर से दो गवाह प्रस्तुत किए गए। 20 मई 2025 को अदालत ने अभियुक्त का बयान दर्ज किया। अंतिम सुनवाई शुक्रवार को हुई दोनों पक्षों की विस्तृत बहस सुनने के बाद न्यायालय ने मो. तईब को दोषी पाया। बचाव पक्ष की ओर से वकील वीरेंद्र कुमार झा और मो. अयूब खां ने पैरवी की। मामले में सजा निर्धारण पर अंतिम सुनवाई शुक्रवार को हुई, जिसमें अदालत ने कठोर कारावास और जुर्माने का फैसला सुनाया।
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